शोध में दावा: Coronavirus में हो रहे बदलाव से उसकी ताकत नहीं बढ़ी, क्षमता पर असर पड़ा

वाशिंगटन। कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर शोध जारी है। इस वायरस में बदलाव के कई लक्षण देखने को मिल रहे हैं। कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि वायरस में बदलाव के कारण ये और घातक हो सकता है। मगर यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन (London) के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन (Research) में दावा किया है कि कोरोना वायरस में हो रहे बदलावों से उसकी ताकत नहीं बढ़ी है। इसके साथ तेजी संक्रमण फैलाने और मानव शरीर को नुकसान पहुंचाने की क्षमता पर भी असर नहीं पड़ा है।

कई इलाकों में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस के 31 स्ट्रेन पर शोध् करने के बाद वैज्ञानिक अहम निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। उनका कहना है कि वायरस में कुछ बदलाव होते हैं जो आम हैं। ये बदलाव कुछ हानिकारक होते हैं। उनका असर इतना ज्यादा नहीं है।

कुछ बदलाव तो मरीजों के इम्यूनिटी सिस्टम (Immunity system) की प्रतिक्रिया की वजह से हुए। शोधकर्ताओं ने बताया कि 75 देशों में 15 हजार से अधिक कोरोना पीड़ितों पर अध्ययन किया गया। उन्होंने सिर्फ 31 बदलावों पर ध्यान केंद्रित किया है। ये 10 से ज्यादा बार सामने आए थे।

शोधकर्ताओं में से एक डॉ. फ्रेंको डेराक्स के अनुसार वे जानना चाहते थे कि वायरस में हो रहे बदलाव कितने घातक हो सकते हैं। इससे क्या संक्रमण फैलने की दर में कोई बदलाव होता है।

वहीं, सिर्फ कुछ बदलाव ऐसे भी थो जो किसी अन्य वायरस को बढ़ावा देते हैं। इससे केवल यही उम्मीद की जानी चाहिए कि इसमें होने वाले बदलाव आम हो जाएंगे। तब मानव शरीर उन्हें स्वीकार कर लेगा। एक अन्य अध्ययनों के अनुसार, कोरोना वायरस में अब तक 7000 से ज्यादा बदलाव आए हैं। इनमें से करीब 300 काफी प्रभावी रहे हैं।

वायरस में बदलाव के तीन तरीके हैं। पहला वह खुद में कुछ सुधार कर रहा हो, दूसरा अन्य किसी वायरस के संक्रमण में आया हो और तीसरा संक्रमित व्यक्ति के प्रतिरक्षा तंत्र की वजह से उसमें उत्परिवर्तन हुए हों।



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