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Coronavirus Third Wave: बच्चों में बढ़ रहा संक्रमण, अमरीका-ब्रिटेन के बाद भारत पर मंडराया खतरा

नई दिल्ली। भारत में कोरोना की तीसरी लहर ( Coronavirus Third Wave ) का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच अमरीका और ब्रिटेन ने चिंता और बढ़ा दी है। यहां बच्चों में लगातार संक्रमण बढ़ने के मामले सामने आ रहे हैं। दोनों ही देशों में बच्चों में संक्रमण के मामले पहले की दो लहर की तुलना में बढ़ गए हैं।

बच्चों में बढ़ रहे संक्रमण के इन मामलों ने भारत के लिए भी खतरा बढ़ा दिया है। दरअसल तीसरी लहर को लेकर लगातार बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है।

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कोरोना की तीसरी लहर का असर अब दिखने लगा है। इस लहर में सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होगा, इसके संकेत भी अब तेजी से मिल रहे हैं। कई देशों में बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। लेकिन अमरीका और ब्रिटेन में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं।

बच्चों में दिख रहे ये लक्षण
बच्चे को कई दिन तक तेज बुखार, पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी, त्वचा पर चकत्ते लाल आंखें व हाथ-पैर का ठंडा होने जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

50 फीसदी की बढ़ोतरी
अरकंसास के चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में कोरोना से संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या में 50 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

7 नवजात आईसीयू में तो 2 वेंटिलेटर पर जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं। अलबामा, अरकंसास, लुसियाना व फ्लोरिडा में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं।

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4232 बच्चों में मिला संक्रण
सबसे ज्यादा मामले लुसियाना में सामने आए हैं। यहां पिछले महीने के अंतिम सप्ताह में ही सबसे ज्यादा 4232 संक्रमण के मामले सामने आए हैं।

यहां 15 से 21 जुलाई के बीच पांच साल से कम उम्र के 66 बच्चों में वायरस मिला है।

रोजाना 40 बच्चे हो रहे भर्ती
ब्रिटेन में हर दिन औसतन 40 बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। वहीं फ्लोरिडा के स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि 12 वर्ष से कम उम्र के 10,785 मामले सामने आए थे।
11048 बच्चों में मिला संक्रमण
ब्रिटेन के 12 से 19 वर्ष के बच्चों में संक्रमण के कई मामले सामने आ रहे हैं। यहां अब तक 11,048 बच्चों में संक्रमण मिला है। महज एक सप्ताह में 23 से 30 जुलाई के बीच 224 बच्चों को भर्ती कराया गया है।

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भारत के लिए इसलिए बढ़ी चिंता
भारत में भी बच्चों में संक्रमण के मामे सामने आने लगे हैं। खास बात यह है कि देश में पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में बच्चे अधिक संक्रमित हुए हैं।
यही वजह है कि तीसरी लहर का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर होने का अंदेशा भी जताया गया है।

भारत में जल्द दस्तक देगी बच्चों की वैक्सीन
सरकार के मुताबिक, दो हफ्तों में जायडस कैडिला (Zydus Cadilla) की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की अनुमति मिल सकती है। इसका 12 से 18 साल तक के बच्चों पर ट्रायल हुआ है। इसके अलावा भारत बायोटेक का 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है।
यही नहीं नोवावैक्स को भी बच्चों के ट्रायल की अनुमति मिल गई। वहीं बायो ई ने भी ट्रायल की मंजूरी मांगी है।



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