जल्द मिल सकती है Covaxin और Covishield वैक्सीन की मिक्सिंग डोज, DCGI से मिली अहम मंजूरी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की तीसरी लहर ( Coronavirus Third Wave ) के खतरे के बीच केंद्र से लेकर राज्य सरकारें लगातार कड़े कदम उठा रही हैं। वहीं महामारी से निपटने के लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। यही नहीं लगातार शोध और अध्ययन भी किए जा रहे हैं, ताकि ज्यादा प्रभावी टीका तैयार किया जा सके। इसी कड़ी में अब कोरोना वैक्सीन की मिक्सिंग डोज को लेकर बड़ी खबर सामने आई है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI ) ने कोरोना की दो वैक्सीन कोवैक्सीन ( Covaxin ) और कोविशील्ड ( Covishield ) की मिक्स डोज पर स्टडी करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
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वेल्लोर के सीएमसी में होगी स्टडी
कोरोना वैक्सीन की मिक्सिंग डोज पर स्टडी और इसके क्लिनिकल ट्रायल की जिम्मेदारी तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल ( CMC ) कॉलेज को मिली है।
29 जुलाई को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ( CDSCO ) की एक कमेटी ने इस अध्ययन को करने की सिफारिश की थी। इसके बाद अब DCGI ने स्टडी को हरी झंडी दिखा दी है।
स्टडी में इस बात पर होगा फोकस
सीएमसी में होने वाली इस स्टडी के जरिए इस बात का पता लगाया जाएगा कि, किसी व्यक्ति को दो अलग-अलग वैक्सीन शॉट, यानी एक डोज कोविशील्ड ( Covishield ) और एक कोवैक्सीन ( Covaxin ) की देना क्या ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
300 वॉलंटियर्स पर होगा ट्रायल
एक्सपर्ट कमेटी ने सीएमसी, वेल्लोर को चौथे फेज के क्लिनिकल ट्रायल किए जाने की मंजूरी देने का सुझाव दिया है। इस ट्रायल में 300 स्वस्थ वॉलंटियर्स पर कोविड-19 की कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की मिक्सिंग के प्रभाव जांचे जाएंगे।
ICMR से अलग है यह स्टडी
दरअसल वेल्लोर के सीएमसी में होने वाली स्टडी हाल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) की ओर से की जा रही स्टडी से अलग है। ICMR ने उत्तर प्रदेश के उन लोगों पर स्टडी की है, जिन्हें गलती से कोरोना की दो अलग-अलग कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की डोज लगा दी गई थी।
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अपनी स्टडी के आधार पर ICMR ने कहा था कि वैक्सीन के मिक्सिंग डोज के परिणाम बेहतर हैं। अलग-अलग खुराक के बाद कोरोना के खिलाफ अच्छी इम्युनिटी बनी है।
बता दें कि देश में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन का ही ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। रूस की स्पूतनिक वी, मॉडर्न की वैक्सीन और इसके अलावा जॉनसन एंड जॉनसन समेत भले देश में पांच टीकों को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन का इस्तेमाल ही सबसे ज्यादा हो रहा है।
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