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कोरोना के बाद मुंबई में अब स्वाइन फ्लू बना बड़ी चुनौती

नई दिल्ली। देश में जहां एक ओर कोरोना वायरस का संक्रमण कम हो रहा है वहीं दूसरी ओर मुंबई में H1N1 यानि स्वाइन फ्लू के केस आने लग गए हैं। दोनों ही बीमारियों के लक्षण एक जैसे होने के कारण मेडिकल एक्सपर्ट्स ने डॉक्टरों को सलाह देते हुए कहा है कि वे स्वाइन फ्लू के मरीजों को कोविड की दवा न दें।

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विशेषज्ञों के अनुसार स्वाइन फ्लू (H1N1) और कोविड-19 दोनों ही श्वसन तंत्र से जुड़े रोग हैं। दोनों बीमारियों के लक्षणों में कई समानताएं हैं परन्तु उनके वायरस की संरचना में अंतर है। ऐसे में एक ही दवा दोनों बीमारियों पर काम नहीं करती वरन डॉक्टर्स को किसी मरीज के कोविड इलाज से सही नहीं होने पर स्वाइन फ्लू का टेस्ट करवाना चाहिए। संक्रामक रोग विशेषज्ञों के अनुसार अब तक लगभग एक दर्जन ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां मरीज कोरोना तथा H1N1 दोनों बीमारियों से ग्रसित था। हालांकि कुछ अन्य मामलों में H1N1 पॉजिटिव रिपोर्ट गलत भी पाई गई थी।

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बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस वर्ष अब तक दो H1N1 संक्रमण के मामले मिल चुके हैं। हालांकि यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में बहुत कम है। गत वर्ष अकेले मुंबई में स्वाइन फ्लू के 44 मामले सामने आए थे जबकि वर्ष 2019 में H1N1 वायरस संक्रमण के लगभग 450 से अधिक केस दर्ज किए गए थे जिनमें 5 मरीजों की मृत्यु भी हो गई थी।

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से राज्य में कोरोना वायरस का संक्रमण कम हुआ है। अब मरीजों की रिकवरी रेट बढ़ रही है तथा एक्टिव केसेज की संख्या भी कम हो रही है। जल्दी ही राज्य में व्यापारिक व अन्य संस्थान खोले जा सकते हैं। Covid 19 संक्रमण के चलते अब तक महाराष्ट्र में लगभग एक लाख सत्रह हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है।



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