कोरोना पेशेंट के लिए जरूरी डिवाइस Pulse Oximeter ऐसे करती है काम
यदि आप कोरोना संक्रमित हैं और होम क्वारेंटाइन कर रहे हैं तो दवा के अलावा जो सबसे जरूरी चीज आपके पास होनी चाहिए, वो है पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter)। इससे आपको अपने शरीर में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल जानने में आसानी रहती है। इसी के आधार पर आप यह जान पाते हैं कि क्या आपके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही है और क्या आपकी तबियत सीरियस हो सकती है।
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डॉक्टर्स होम आईसोलेशन वाले कोरोना पेशेंट्स को दिन में तीन से चार बार पल्स ऑक्सीमीटर से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा नापने की सलाह देते हैं। इससे पता चलता है कि हमारे खून में मौजूद रेड ब्लड सेल्स कितनी ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट कर पा रही है। इसी रीडिंग के आधार पर डॉक्टर्स बताते हैं कि किसी व्यक्ति को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है या नहीं।
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कैसे काम करता है Pulse Oximeter
एक पल्स ऑक्सीमीटर वास्तव में एक सेंसर की तरह काम करता है। यह स्किन पर लाइट डालता है, इससे ब्लड सेल्स के मूवमेंट और रंग की पहचान कर ब्लड में मौजूद ऑक्सीजन लेवल को एनालाइज करता है। इस तरह हमारे शरीर का ऑक्सीजन लेवल जाना जा सकता है। इसका प्रयोग आमतौर पर हाथों की ऊंगलियों में किया जाता है।
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चिकित्सा विज्ञान के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन लेवल 96 फीसदी से अधिक होता है। यदि यह 90 से 95 फीसदी के बीच हो तो पेशेंट को इसके लिए डॉक्टर से बात करनी चाहिए। परन्तु यदि ऑक्सीजन लेवल 90 फीसदी से नीचे पहुंच जाए तो मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाया जाना चाहिए ताकि उसे समय पर ऑक्सीजन देकर बचाया जा सके।
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