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Ambedkar Jayanti 2021 : डॉ. अम्बेड़कर की प्रतिमा के अनावरण को लेकर दलित संगठन, किसान नेता आमने-सामने

Ambedkar Jayanti 2021 : कृषि बिलों का विरोध कर रहे किसान संगठन तथा कुछ दलित संगठनों के बीच टकराव के आसार बनते नजर आ रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 14 अप्रैल को बी.आर. अम्बेडकर की जयंती पर उनकी एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे, वहीं दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा मुख्यमंत्री के इस प्रतिमा अनावरण को रोकने की योजना पर काम कर रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के इस विरोध पर ऑल इंडिया अम्बेडकर महासभा (AIAM) ने कहा कि किसी को भी अम्बेडकर जयंती के कार्यक्रम में बाधा नहीं डालने दी जाएगी।

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दलित नेताओं ने कहा, किसान आंदोलन के नाम पर किसान-दलितों में फूट डालने का प्रयास
AIAM के चेयरमैन अशोक भारती ने एक बयान जारी कर कहा कि हमें पता लगा है कि अम्बेडकर जयंती के दिन कुछ लोग किसान आंदोलन के नाम पर प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम में रुकावट पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा कर वे किसानों तथा दलितों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना चाहते हैं। हम सभी किसान संगठनों तथा उनके नेताओं से अपील करते हैं कि वे इस तरह के उपद्रवी लोगों पर नजर रखें तथा उनकी साजिश को विफल कर अम्बेडकर जयंती के कार्यक्रमों में शामिल हों।

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उन्होंने आगे कहा कि अम्बेड़कर के दिए संविधान के कारण ही आज किसान अपना विरोध प्रदर्शन कर पा रहे हैं। यदि इस कार्यक्रम में कोई किसी भी तरह की बाधा डालने का प्रयास करेगा तो उससे मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा।

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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, संविधान का मजाक बनाने वाले बाबा साहब की प्रतिमा का उद्घाटन नहीं कर सकते इस पूरे मुद्दे पर बोलते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग संविधान का मजाक बनाते हैं, उन्हें बाबा साहब की प्रतिमा का अनावरण करने का कोई अधिकार नहीं है। इस संबंध में बोलते हुए हरियाणा के दलित नेता कांत एलारिया ने कहा कि किसान हमारे साथ है, वे दलितों और वंचित वर्ग की समस्याओं के लिए हमारे साथ लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम किसान और दलितों की एकता को तोड़ने के हर प्रयास को विफल करेंगे। उन्होंने किसान नेताओं द्वारा किए जा रहे कृषि कानूनों के विरोध को भी सही बताते हुए कहा कि यदि कंपनियों के हाथ में खेती चली गई तो किसान खत्म हो जाएंगे।

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