Header Ads

कोरोना को लेकर बढ़ सकती हैं सख्तियां, लॉकडाउन पर भी होगा फैसला

मुकेश केजरीवाल

नई दिल्ली। कोरोना से लड़ने के उपायों की कमान एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथ में संभालने वाले हैं। इसके तहत ना सिर्फ वे राज्यपालों से 14 अप्रैल को सीधी बैठक करेंगे, बल्कि जनता को जरूरी सावधानियों के लिए की जा रही तमाम अपीलों का असर नहीं होता देख जल्दी ही खुद सामने आ कर लोगों को आगाह भी कर सकते हैं। केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन जैसे कदम से फिलहाल पूरी तरह इनकार कर रही है, लेकिन लोगों की ढिलाई को देखते हुए कुछ सख्तियां लगाई जा सकती हैं। केंद्र सरकार के वरिष्ठ सूत्रों ने कोरोना के बढ़ते मामलों से उपजे हालात को ले कर सरकार की तैयारी के संबंध में सोमवार को 'पत्रिका' को कई अहम जानकारी दीं। इनके मुताबिक 14 अप्रैल को पीएम मोदी राज्यपालों के साथ बैठक कर कोरोना से लडऩे के उपायों और टीकाकरण की स्थिति पर विस्तार से चर्चा करेंगे। बैठक में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी मौजूद रहेंगे।

अपील संग सख्तियां -
इसी तरह कोरोना संबंधी सावधानियों का पालन करने में लोगों की लापरवाही को देखते हुए जल्दी ही कुछ और कदम भी उठाए जाएंगे। इनमें पीएम मोदी की देश के लोगों से अपील और कुछ सख्तियां शामिल हैं। ये बताते हैं कि फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन जैसा कदम उठाए जाने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। लेकिन लोगों की आवाजाही को सीमित करने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। लेकिन ऐसे कदम उठाए जाते समय लोगों की कमाई और अर्थव्यवस्था को बचाए रखने का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

हवाई यात्रा में भोजन सीमित -
सोमवार को जहां केंद्र सरकार ने दो घंटे से कम अवधि की हवाई यात्रा के दौरान खाना परोसे जाने को रोक दिए जाने को कहा है, वहीं हरियाणा ने भी रात का कफ्र्यू शुरू कर दिया है।

इलाज के साधन पर जोर -
पीएमओ के संयोजन में केंद्र एक बार फिर से स्वास्थ्य, रक्षा, उद्योग, रेल आदि मंत्रालयों के प्रयासों की नए सिरे से रूप-रेखा बना रहा है। इनमें कोरोना मरीजों को तुरंत बेहतर इलाज दिलाने के लिए अधिक से अधिक संसाधनों को लगाने पर सबसे अधिक जोर है। टीकों के साथ ही एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिविर के निर्यात पर भी पहले ही रोक लगा दी गई है।

टीका निर्माण क्षमता में वृद्धि -
टीका बनाने के लिए जरूरी कच्चे सामान के निर्यात पर अमरीका में लगाए प्रतिबंध का प्रभाव भारतीय निर्माताओं पर गंभीर रूप से पड़ रहा है। सरकार टीका बनाने वाली तीनों कंपनियों को इससे उबरने और उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान देगी। इधर, महाराष्ट्र कोविड टास्ट फोर्स के सदस्य डॉ. राहुल पंडित कहते हैं कि राज्य में लॉकडाउन को लेकर काफी हद तक सहमति बन गई है। जल्दी ही यह तय कर लिया जाएगा कि यह लॉकडाउन कितने दिनों का होगा।

संभावित कदम -
पीएम की राज्यों के साथ नियमित बैठकें
मोदी का जनता को संबोधन
कुछ नई सख्तियों की घोषणा
टीकाकरण में नई प्राथमिकता
कोरोना इलाज की सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास

सरकार पहले जैसा लॉकडाउन लगाने के कदम से बच सकती है। लेकिन इसके लिए हमें मास्क और दूसरे उपायों को गंभीरता से अपनाना होगा। सघन जागरुकता अभियान भी चलाया जाए। साथ ही सरकार को यह सुनिश्चित करने पर अधिकतम ध्यान देना चाहिए कि टीके सुचारू रूप से उपलब्ध हो सकें और इन्हें बनाने वाली कंपनियों की उत्पादन क्षमता लगातार बढ़े।
सुजाता के राव, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव

अर्थव्यवस्था एक बार फिर से अच्छा कर रही है। अब तेजी से टीके भी लगाए जा रहे हैं। इससे काफी मदद मिली है। अगर जान बचाने के लिए स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन जैसे कदम उठाने पड़ते हैं तो इससे पीछे नहीं रहा जा सकता, लेकिन इस बार इसका आर्थिक बोझ बहुत कम होगा। क्योंकि हम इसके लिए ज्यादा तैयार होंगे।
टी.वी. मोहनदास पाई, अर्थ और शिक्षा विशेषज्ञ

स्थानीय लॉकडाउन का नुकसान कम-
पिछली बार अचानक और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाए गए थे। इससे मांग और आपूर्ति दोनों ही बहुत बुरी तरह प्रभावित हुई थी। स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन का असर आपूर्ति पर पड़ेगा, लेकिन पिछली बार जैसा घातक नहीं होगा। हमें चुनाव और कुंभ जैसे सुपर स्प्रेडर कार्यक्रमों पर नियंत्रण लगाना होगा। इसी तरह कांटेक्ट ट्रेसिंग, सामान्य टेस्टिंग और जिनोम टेस्टिंग को भी बढ़ाने की जरूरत है।
अरुण कुमार, अर्थशास्त्री



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.