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दिल्ली में Corona का नया खतरा, सामने आया इस देश के स्ट्रेन का पहला केस

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए मामलों में देश के कई राज्यों में चिंता बढ़ा दी है। अब राजधानी दिल्ली से भी डराने वाली खबर सामने आई है। दरअसल दिल्ली में कोरोना के नए प्रकार दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन का एक केस सामने आने से हड़कंप मच गया है।

इस केस के साथ ही दिल्ली में कोरोना के नए खतरे ने दस्तक दी दी है। यहां एक 33 वर्षीय व्यक्ति में इस नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। इसके बास से ही सरकार और प्रशासन दोनों अलर्ट हो गए हैं।

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एक तरफ देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण आगे बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए मामलों में हो रही बढ़ोतरी चिंता का बड़ा कारण बनती जा रही है।

अब राजधानी दिल्ली में भी कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच नए स्ट्रेन ने दस्तक दे डाली है। कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट का यह शहर का पहला मामला है।

नए स्ट्रेन के देश में कुल चार मामले
संक्रमित को लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि पूरे देश में ऐसे कम से कम चार मामले मौजूद हैं। इसके अलावा भी भारत में अन्य जगहों पर पाए गए स्ट्रेन मिल चुके हैं।

लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार के मुताबिक संक्रमित केरल से है। नौ दिन पहले ये शख्स दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटा है।

भारत पहुंचने से ये शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद इसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर के मुताबिक जांच के बाद इस शख्स की जो रिपोर्ट मिली हैं, उसमें इस बात की पुष्टि होती है कि ये शख्स दक्षिण अफ्रीका के कोरोना संक्रमण से ही संक्रमित है। अब दिल्ली का पहला मामला है।

आइसोलेशन में रखा गया
डॉक्टर की मानें तो संक्रमित मरीज एसिम्प्टोमैटिक है। हालांकि, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सावधानी के तौर पर व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा गया है।

डॉक्टर ने बताया- हमने उसे आइसोलेट करने के लिए विशेष वार्ड बनाया है, ताकि कोविड-19 के यूके वैरिएंट या असल स्ट्रेन से जूझ रहे मरीज आपस में मिल न जाएं। दुनियाभर में SARS-CoV-2 के वैरिएंट्स फैल रहे हैं।

दिसंबर में मिला था अफ्रीकी वैरियंट
आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के स्ट्रेन का पता सबसे पहले अफ्रीका में पिछले वर्ष यानी 2020 के दिसंबर में चला था। हालांकि, एक महीने पहले तक इस वैरिएंट से जुड़ा एक भी मामला भारत में नहीं था।

उधर...स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते महीने ऐसे चार मामलों की पुष्टि की थी। होली फैमिली हॉस्पिटल में क्रिटिकल केयर के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर सुमित रे के मुताबिक- नए वैरिएंट्स का फैलना चिंताजनक है।

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उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी स्टडी में इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि कौनसा स्ट्रेन ज्यादा घातक है। हालांकि ये बात जरूर सामने आई है कि कुछ स्ट्रेन का फैलाव तेजी से हो रहा है।



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