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भारतीयों से ज्यादा अमरीकियों में लॉकडाउन का डर

कोरोना महामारी ने न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत को भी प्रभावित किया है। लोगों की रातों की नींद उड़ा दी है 60 फीसदी से अधिक लोगों को यह समस्या शुरू हो गई। इतने ही लोंगों का वजन बढ़ गया। सबसे अधिक लोगों में नींद की समस्या के पीछे का कारण कोरोना का डर है। साथ ही अधिकांश लोग मानसिक तनाव में हैं। तनाव की वजह से खासकर युवाओं ने नशा करना शुरू कर दिया। यही नहीं एशियाई देशों में ५१ फीसदी लोगों में अभी भी दोबारा लॉकडाउन का डर सता रहा है।

बढ़ती बीमारियों की आशंका-
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ के अनुसार जिन लोगों का लॉकडाउन के दौरान 5 किलोग्राम से अधिक वजन बढ़ा है, उन्हें टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारी का खतरा है जबकि ११ किलोग्राम से अधिक वजन बढ़ाने वालों को हृदय संबंधी बीमारियां, स्ट्रोक की समस्या हो सकती है।
61% युवाओं का लॉकडाउन के बाद एक साल में वजन बढ़ गया।
67% को नींद की दिक्कत, कम या अधिक नींद आती है
23% युवाओं ने तनाव की वजह से नशा करना शुरू किया
62% माता-पिता अपने बच्चों के साथ, जो शिक्षा व नौकरी के कारण दूर थे

कोरोना काल के आंकड़ें-
1.89 करोड़ की नौकरी गई लॉकडाउन के दौरान
50 लाख लोगों की नौकरी गई जुलाई माह में
01 लाख के करीब लोगों की नौकरी गई मई में
39 लाख लोगों को नौकरी वापस मिली जून में
1.77 करोड़ लोगों ने अप्रैल में नौकरियां गंवाई

कोरोना का डर हावी-
48 फीसदी के जीवन में तनाव बढ़ा
51% एशियाई लोगों में दोबारा लॉकडाउन को लेकर डर
57% अमरीकियों में है डर

मानसिक सेहत भी बिगड़ी-
33 % 30-40 वर्ष के युवा प्रभावित
31 % 24-30 वर्ष के युवा प्रभावित
28 % 57-74 साल के बुजुर्ग प्रभावित
09 % ज्यादा उम्रदराज भी प्रभावित
(आंकड़े अमरीकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की रिपोर्ट के हैंं।)

1.9 करोड़ नौकरियां छिनीं, अब सुधरेंगे हालात-
नई दिल्ली. लॉकडाउन की वजह से देश में करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी छिन गई। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान अप्रैल-मई में बेरोजगारी की दर 8.5 फीसदी से बढ़कर 23.5 फीसदी पहुंच गई। इसमें सबसे ज्यादा टूरिज्म, ट्रेवल, हॉस्पिटैलिटी, ऑटोमोबाइल, एविएशन, ट्रांसपोर्ट, रिटेल, आइटी और स्टार्टअप्स सेक्टर में लागों की नौकरियां गई हैं। 30 से कम उम्र के 40 लाख से अधिक युवाओं की नौकरियां छिन गईं।

पर्यटन-एविएशन:
55 लाख को बाहर का रास्ता
पर्यटन, होटल, एविएशन सेक्टर में 55 लाख नौकरियां जा चुकी हैं। ट्रैवल एजेंट्स व टूर गाइड्स को ज्यादा दिक्कत हुई। इस क्षेत्र में 2 करोड़ काम करते हैं, जिसमें 27.५5% बेरोजगार हो गए।

ऑटोमोबाइल-ट्रांसपोर्ट
10 लाख ने गंवाई जॉब-
यूनिटें बंद होने से ऑटोमोबाइल-ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 10 लाख की नौकरी चली गई। रिटेल में 2 लाख, आइटी में 1.5 लाख, स्टार्टअप में एक लाख नौकरियां छिन गई।



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