Header Ads

Budget 2021: वर्क फ्रॉम होम करने वालों को मिल सकता है ज्यादा वेतन, जानिए कैसे?

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस महमारी ने गत वर्ष 2020 में कई कंपनियों को घर से काम करने के लिए मजबूर कर दिया। देश के करोड़ों कर्मचारी बीचे मार्च महीने से ही वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ऐसे ही कर्मचारियों में अगर आप भी शामिल हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण खबर है।

दरअसल वर्क फ्रॉम होम कर्मचारियों के वेतन में इजाफा हो सकता है। इसको लेकर कंसल्टिंग फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया (PWC India) ने पहल की है। पीडब्ल्यूसी इंडिया ने कहा कि सरकार आगामी बजट (Budget 2021) में वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) करने वाले कर्मचारियों को टैक्स डिडक्शन का लाभ देने पर विचार करना चाहिए।

पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी को लगा बड़ा झटका, जानिए किस उम्मीद पर फिर गया पानी

पीडब्ल्यूसी इंडिया का मानना है कि इस कदम से बाजार में मांग को बढ़ावा मिलेगा जैसा कि सरकार चाहती है। उन्होंने कहा है कि सरकार चाहती है कि मांग को बढ़ावा मिले तो इसके लिए आम लोगों के हाथ पर ज्यादा धन छोड़ने की जरूरत है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया के सीनियर टैक्स पार्टनर राहुल गर्ग ने एक बजट पूर्व सेशन में कहा कि मांग को बढ़ाने के लिए आम लोगों के हाथ पर ज्यादा धन छोड़ने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि एक स्पष्ट सोच यह है कि कोविड-19 के मद्देनजर छोटे और मझोले टैक्सपेयर्स को टैक्स में राहत दी जाए, खासतौर से वर्क फ्रॉम होम करने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए।

इस तरह बढ़ सकती है सैलरी
राहुल गर्ग ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम करने के दौरान कर्मचारी जो भी खर्च कर रहे हैं, जो ऑफिस में काम करने के दौरान इम्प्लॉयर द्वारा किया जाता, तो उस खर्च को उनके वेतन से घटाया जा सकता है, जिससे उनका कर बचेगा और उनके हाथ में ज्यादा धन बचेगा।

आपको बता दें कि पिछले साल की शुरुआत में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम करने की पॉलिसी अपनाई।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की अचानक बिगड़ी तबीयत, सांस लेने में हो रही दिक्कत, फेफड़ों में भी संक्रमण, जानिए क्या आई कोरोना रिपोर्ट

बाजार में बढ़ने लगेगी डिमांड
गर्ग की मानें तो इस उपाय को अपनाना पूरी तरह न्यायसंगत है। अगर कारोबारी उस खर्च को उठाते तो उनके खातों में यह कटौती योग्य खर्च होता।

उन्होंने कहा ऐसे में वह कटौतीयोग्य राशि वेतनभोगी व्यक्तियों के खातों में होगी और इस तरह रेवेन्यू में किसी तरह की कमी नहीं होगी। गर्ग के मुताबिक लोगों के पास ज्यादा धन बचेगा, तो बाजार में मांग भी बढ़ेगी।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.