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Farmer Protest: किसान आंदोलन के बीच सुर्खियों में है ये दंपती, जानें क्या है वजह

नई दिल्ली। कृषि कानूनों ( Farm Bill ) को लेकर किसानों का दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन ( Farmer Protest ) जारी है। केंद्र सरकार के साथ किसानों की चौथे दौर की बातचीत भी हो रही है। वहीं बड़ी संख्या में पंजाब और हरियाणा से किसान राजधानी दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। खुले आसमान के नीचे अपनी मांगों को लेकर फौलादी इरादों के साथ अन्नदाता सड़कों पर डंटे।

इस बीच किसान आंदोलन में पहुंचा एक दंपती ( Old couple ) खूब सुर्खियां बंटोर रहा है। आईए जानते हैं किसान आंदोलन के बीच क्यों पंजाब के इस कपल की हर तरफ चर्चा हो रही है।

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अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन लगातार 8वें दिन भी जारी है। भूख-प्यास, सर्दी और कोरोना वायरस की परवाह किए बगैर अन्नदाता सड़कों पर डटे हुए हैं। पंजाब और हरियाणा से निकलर बड़ी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। इस बीच पंजाब के जिला बरनाल से भी एक दंपती दिल्ली पहुंचा है।

ढिल्लों दंपती ने इस आंदोलन में पहुंचने के लिए बाइक से 310 किलोमीटर का फासला तय किया है। सीनियर सिटीजन होने के बाद भी इस दंपती का हौसला कम नहीं है, किसानों के समर्थन में ये कपल बाइक चलाकर 300 से ज्यादा किलोमीटर की यात्रा कर दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचा है।

ऐसे बढ़ा इस दंपती का हौसला
बरनाला के गांव दिलवान के किसान दर्शन सिंह ढिल्लों व उनकी पत्नी परमजीत कौर ढिल्लों के मन में किसान आंदोलन को समर्थन देने की ऐसी हूक उठी कि दोनों दिलवान से बाइक पर दिल्ली-हरियाणा बार्डर पर आ पहुंचे।

50 की उम्र पार फिर भी हिम्मत बरकरार
ढिल्लों दंपती उम्र के पांच दशक पार कर चुके हैं। बढ़ती उम्र भी उनके किसान भाईयों को समर्थन की चाह के आड़े नहीं आई। यही नहीं इस कपल का कहना है कि जब तक किसान भाईयों की मांग पूरी नहीं हो जाती वे भी अपने घर नहीं लौटेंगे।

खेत खलिहान, घर सब छोड़ा
दर्शन सिंह ढिल्लों कहते हैं कि किसानों का दर्द सिर्फ किसान ही समझ सकता है। अपने भाईयों का हौसला बढ़ाने के लिए हम अपना घर, खेल खलिहान सब छोड़कर आ गए हैं। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार कृषि कानून वापस ले।

ऐसे तय किया सफर
आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए यह कपल बुधवार अल सुबह अपनी बाइक से निकला। दोपहर करीब ढाई बजे दंपती खरावड़ पहुंचा। यहां शिविर में कुछ खा-पीकर खुद को फ्रेश किया और फिर आगे बढ़ गए।

कनाडा में रहते हैं दो बेटे
किसानों के लिए घर छोड़कर निकले ढिल्लों कपल के दोनों बेटे कनाडा में ही रहते हैं। कपल का कहना है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद भी बच्चों के देश में काम बेहतर अवसर नहीं मिला। यही वजह है कि दोनों ही बेटे कनाडा चले गए और वहां काम कर रहे हैं। ढिल्लों दंपती बरनाल में अकेले रहकर खेतीबाड़ी करते हैं।

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कृषि कानून से बर्बाद हो जाएगा किसान
कृषि कानून का विरोध कर रहे ढिल्लों कपल का कहना है कि सरकार का नया कानून किसानों को बर्बाद कर देगा। तीन नए काले कृषि कानून अन्नदाता से उसका सब छीन लेंगे। ये कानून हमसें खेती का ही नहीं, अपनी जमीन का अधिकार तक छीन लेंगे। किसान सिर्फ पूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली बनकर रह जाएगा।



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