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अब नहीं चलेगी बिजली कंपनियों की मनमानी, सरकार ने ग्राहकों को दिए कई अधिकार

नई दिल्ली। ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने ग्राहकों को कई अधिकार दिए हैं, जिनके लिए कुछ नियम भी बनाए हैं। नए नियमों की वजह से अब कंपनियां ढीला रवैया नहीं अपना पाएंगी। पहले बिजली कंपनियां नया मीटर लगाने, गड़बड़ मीटर, बिलिंग की गड़बड़ देखने में सालों लगा देती थी लेकिन मंत्रालय ने बिजली उपभोक्ता को बिजली, 2020 के तहत कुछ अधिकार दिए हैं, जिसकी वजह से आप के काम कुछ ही दिनों में पूरे हो जाएंगे।

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7 दिनों में मिलेगा नया कनेक्शन

मिली जानकारी के मुताबिक इस नए नियम के मुताबिक अब मेट्रो सिटीज में अब सिर्फ 7 दिनों में नया कनेक्शन मिलेगा, म्यूनिसिपल एरिया में 15 दिनों और ग्रामीण इलाकों में 1 महीने के अंदर नया मीटर लगाना होगा। इसके साथ ही सरकार ने पुराने मीटर को बदलने की समय सीमा भी तय कर दिया है। बताया जा रहा है सरकार आने वाले दिनों में प्री-पेड मीटर लगवाएघी। यानी रिचार्ज करें और बिजली उपयोग करें। सरकार का मानना है कि प्री-पेड मीटर से बिल पेंडिंग वाला झमेला खत्म हो जाएगा।

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खत्म होगी मोनोपोली

मीडिया से बात करते हुए ऊर्जा राज्य मंत्री आर के सिंह ने बताया कि ये नियम बिजली ग्राहकों को और मजूबत बनाने के लिए हैं। पूरे देश में डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की मोनोपोली है। इसमें सरकारी कंपनियां भी शामिल है। सिंह ने आगे कहा कि इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर सरकार ग्राहकों के लिए नए नियम ले कर आई है। इसमें ग्राहकों के लिए कुछ अधिकार तय किए हैं जिन्हें लागू करने का एक सिस्टम भी तैयार किया गया है। तय समय में काम पूरा नहीं करने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है।

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राज्यमंत्री ने बताया कि इन नियमों से बिजली उपभोक्ता को सशक्तिकरण होगा। उन्होंने आगे कहै कि बिलिंग और पेमेंट के ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से भरा जाएगा। इसके लिए सरकार 24 घंटे सातों दिन वाला कॉल सेंटर भी स्थापित करेगी।

इन चीजों को किया गया है कवर

बता दें जो नए नियम बनाए गए हैं उनमें बहुत सी चीजों को कवर किया गया है। इनमें उपभोक्ताओं और वितरण लाइसेंसधारियों के अधिकार, मीटर की व्यवस्था, बिलिंग और भुगतान, नया कलेक्शन और मौजूदा कनेक्शन में बदलाव, मीटर बंद करवाना और चालू करवाना, आपूर्ति की विश्वसनीयता, अभियोजक के रूप में उपभोक्ता, लाइसेंसधारी के प्रदर्शन के मानक, मुआवजा तंत्र, उपभोक्ता सेवाओं के लिए कॉल सेंटर, शिकायत निवारण तंत्र प्रमुख हैं।

 



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