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तैयारी: दमदार, भरोसेमंद और अपडेटेड राॅकेट PSLV-DL से इसरो इस साल का पहला प्रक्षेपण करने जा रहा, जानिए मिशन की खास बातें

नई दिल्ली।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) श्रीहरिकोटा से इस वर्ष के पहले प्रक्षेपण के लिए अपने विश्वसनीय रॉकेट PSLV के नवीनतम संस्करण PSLV-DL का प्रयोग करेगा। इसरो ने पिछले वर्ष PSLV-DL का पहली बार प्रयोग किया था।

यह दूसरा अवसर होगा, जब रॉकेट के इस विशेष संस्करण का उपयोग किया जाएगा। PSLV C-49 मिशन श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाने वाला 76वां मिशन होगा। यह PSLV रॉकेट में सुधार कर बनाए गए PSLV-DL का दूसरा और प्रथम लॉन्च पैड से 38वां मिशन होगा।

PSLV-CA में कोई स्ट्रैपवंस नहीं

अमूमन PSLV-XL संस्करण में रॉकेट के पहले चरण में छह ठोस स्ट्रैपवंस होते हैं लेकिन PSLV-CA संस्करण में कोई स्ट्रैपवंस नहीं होता है। PSLV के अन्य संस्करणों के चौथे चरण (PS-4) में सिर्फ तरल ईंधन होता है लेकिन PSLV-DL में तरल के साथ ठोस ईंधन भी होगा।

10 में 9 उपग्रह विदेशी

इसरो ने कहा है कि PSLV-DL रॉकेट अपने दूसरे मिशन में 10 उपग्रहों के साथ उड़ान भरेगा। इसमें प्राथमिक पे-लोड इसरो का भू-अवलोकन उपग्रह ईओएस-01 है जबकि 9 विदेशी उपग्रह हैं। इसमें लिथुआनिया का एक उपग्रह आर-2, लक्जमबर्ग के क्लेऑस शृंखला के 4 उपग्रह (केएसएम-1ए, 1बी, 1सी और 1डी) और अमरीका के लेमूर शृंखला के चार उपग्रह शामिल हैं। उपग्रहों का प्रक्षेपण 7 नवंबर को अपराह्न 3.02 बजे किया जाएगा।

माइक्रोसैट-आर का किया था प्रक्षेपण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के उपग्रह माइक्रोसैट-आर का प्रक्षेपण 24 जनवरी 2019 को किया गया था। दो महीने बाद ही 27 मार्च 2019 को मिशन शक्ति के तहत एंटी सैटेलाइट मिसाइल (ए-सैट) का सफल परीक्षण करते हुए भारत ने माइक्रोसैट-आर उपग्रह को अंतरिक्ष में नष्ट कर दिया था।

कोरोना के कारण बंद रहेगी दर्शक दीर्घा

इसरो ने प्रक्षेपण देखने के लिए श्रीहरिकोटा में दर्शक दीर्घा का निर्माण कराया था, ताकि आम आदमी उपग्रह प्रक्षेपण का रोमांचक दृश्य देख सकें। लेकिन, इस बार प्रक्षेपण देखने के लिए पंजीकरण की सुविधा नहीं है। इसके अलावा इसरो केंद्र में भी विशेष एहतियात बरतने की हिदायत दी गई है।



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