Header Ads

Delhi: डॉक्टर्स के बाद अब नर्सों का हड़ताल, क्या राजनीति के शिकार हो रहे हैं कोरोना वॉरियर्स?

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (coronavirus) संकट के बीच कोरोना वॉरियर्स की मुश्किलें भी लगातार बढ़ रही है। इस महामारी के खिलाफ डॉक्टर्स और नर्स दिन-रात लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन, उन्हें उनके हक के पैसे नहीं मिल रहे हैं। लिहाजा, कोरोना वॉरियर्स ( Corona Warriors ) अब लड़ाई छोड़कर सड़कों पर उतर आए हैं।

दिल्ली में डॉक्टर्स के हड़ताल खत्म होते ही अब नर्सों का हड़ताल शुरू हो गया है। दोनों की मांग एक ही है कि उन्हें सैलरी नहीं दी जा रही है। सैलरी की मांग को लेकर पहले डॉक्टर्स ने काम-काज बंद कर दिया था। उनकी मांगे पूरी हुई तो अब नर्सों ने हड़ताल करने का ऐलान कर दिया है।

पढ़े- चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया

डॉक्टर्स के बाद नर्सें हड़ताल पर

दरअसल, देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वॉरियर्स काफी आक्रोश में हैं। क्योंकि, उन्हें नियमित रूप से वेतन नहीं मिल रहा है। वेतन की मांग को लेकर उत्तरी नगर निगम के राजन बाबू टीबी हॉस्पिटल, कस्तूरबा गांधी, हिन्दूराव के नर्सों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। नर्सों का कहना है कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। इतना ही नहीं नर्सों का आरोप है कि जुलाई के बाद से उन्हें वेतन नहीं दिया गया है। इस बाबत उन्होंने लिखित में शिकायत भी की है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। लिहाजा, हड़ताल ही एकमात्र उनके पास विकल्प बचा है। यहां आपको बता दें कि इसस पहले डॉक्टर्स ने वेतन को लेकर तकरीबन 23 दिनों तक हड़ताल की थी। जानकारी के मुताबिक, कुल छह सौ नर्सें आज से हड़ताल पर रहेंगी। इसके कारण इमरजेंसी डिपार्टमेंट के साथ अन्य विभागों में भी काम-काज बंद रहेगा।

कोरोना वॉरियर्स को लेकर कही राजनीति तो नहीं?

पिछले काफी समय से डॉक्टर्स और नर्सों को वेतन ना मिलने का मामला गरमाया हुआ है। इस पूरे प्रकरण पर राजनीति भी जमकर हो रही है। आप सरकार इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है, जबकि बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सरकार इस पर राजनीति कर रही है। दरअसल, दिल्ली के तीनों निगमों पर बीजेपी का कब्जा है। जबकि, राज्य में केजरीवाल की सरकार है। कई हॉस्पिटल निगम के अंतर्गत आते हैं। लिहाजा, राज्य सरकार कहती है कि बीजेपी वाले उन्हें सैलरी ना देकर सरकार को बदनाम करवा रही है।

वहीं, निगम का कहना है कि वेतन के लिए राज्य सरकार पैसे नहीं दे रही है। कुछ जगहों पर केन्द्र का भी हस्तक्षेप है। हाल ही में डॉक्टर्स की सैलरी को लेकर तीनों मेयर सीएम केजरीवाल के घर पर धरना भी दिया था। काफी कोशिशों के बाद डॉक्टर्स को वेतन दे दिया गया। लेकिन, सवाल ये है कि क्या कोरोना वॉरियर्स आप और बीजेपी की राजनीति के शिकार हो रहे हैं? कहीं, ऐसा तो नहीं इन दोनों की लड़ाई में कोरोना वॉरियर्स बेवजह घिस रहे हैं?

पढ़ें- राजस्थान में रेजीडेंट डॉक्टर उतरे हड़ताल पर, मांगों पर नहीं बनी सहमति



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.