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मन की बात : पीएम मोदी ने अक्टूबर में दी वो बड़ी सीख जो आपकी जि़ंदगी खुशियों से भर देगी

नई दिल्ली। देश में फेस्टिव सीजन शुरू हो चुका है। नवरात्र, दशहरा, दुर्गा पूजा जैसे पर्व बीत चुके हैं। आने वाले दिनों में करवाचौथ से लेकर दीपावली, भैया दूज, छठ मैया की पूजा, गुरुनानक देव पर्व आएंगे। इस दौरान देश को कैसे सेलीब्रेट करना चाहिए इस बारे में अक्टूबर की मन की बात में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने देश को यह बात समझाने की कोशिश की वोकल और लोकल के संकल्प को ध्यान में रखना काफी जरूरी है। उन्होंने स्थानीय स्तर पर कोरोना वॉरियर्स और देश की सीमाओं की सुरक्षा पर खड़े जवानों को जहन में रखने को कहा। आने वाले महीनों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के मन की बात से हम आज आपके लिए वो 10 अहम बातें निकालकर लेकर आए, जो आपके लिए आने वाले महीनों में काफी काम आ सकती है। इससे देश को भी काफी फायदा हो सकता है।

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त्योहारों में मर्यादा में रहना होगा
पीएम मोदी ने कहा था कि दशहरा संकटों में धैर्य की जीत का पर्व भी है। आज आप सभी संयम के साथ जी रहे हैं। मर्यादा में रहकर त्योहार मना रहे हैं। इसलिए जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं, उसमें जीत भी सुनिश्चित है। पहले दुर्गा पंडाल में मां के दर्शनों के लिए इतनी भीड़ जुट जाती थी। मेले जैसा माहौल रहता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं। दशहरे पर भी बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरूप भी अलग ही है। रामलीला का भी बहुत बड़ा आकर्षण था, लेेकिन उसमें भी कुछ ना कुछ पाबंदियां लगी हैं। नवरात्र पर गुजरात के गरबा की गूंज हर तरफ छाई रहती थी इस बार बड़े-बड़े आयोजन सब बंद हैं। अब आगे और भी कई पर्व आने वाले हैं। अभी ईद है, शरद पूर्णिमा हैं, वाल्मिकी जयंति, धनतेरस, दीपावली, भाई दूज, छठी मैया की पूजा, गुरु नानक देव जयंति है। कोरोना के संकट काल में हमें संयम से ही काम लेना है। मर्यादा में ही रहना है।

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वोकल फॉर लोकल ना भूलें
पीएम मोदी ने कहा था, जब हम त्योहार की बात करते है, खरीदारी करते हैं तो सबसे पहले मन में यही आता है कि बाजार में कब जाना है क्या खरीदारी करनी है। खासकर बच्चों में तो इसका विशेष उत्साह रहता है। इस बार त्योहार पर नया क्या मिलने वाला है। त्योहारों की यह उमंग और बाजार की यह चमक एक दूसरे से जुड़ी हुई है। लेकिन इस बार जब आप खरीदारी करने जाएं तो वोकल फॉर लोकल का अपना संकल्प जरूर ध्यान रखें। बाजार से सामान खरीदते समय हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है।

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समाज के इन साथियों के साथ मिल कर मनाए त्योहार
त्योहारों के इस हर्षोल्लास के बीच में लॉकडाउन के समय को भी याद रखना जरूरी है। लॉकडाउन में हमने समाज के उन साथियों को और करीब से जाना है जिनके बिना हमारा जीवन अहुत ही मुश्किल हो जाता। सफाई कर्मचारी, घर में काम करने वाले भाई बहन, लोकल सब्जी वाले, दूधवाले, सिक्योरिटी गाड्र्स इन सब का हमारे जीवन में क्या रोल है हमने अब भलिभांति महसूस किया है। कठिन समय में आपके साथ थे हम सबके साथ थे, अब अपने पर्वों में और खुशियों में भी हमें इन लोगों को साथ रखना है। मेरा आग्रह है कि जैसे भी संभव हो उन्हें अपनी खुशियों में जरूर शामिल करिए, परिवार के सदस्य की तरह करिए, फिर आप देखिए कि आपकी खुशिया कितनी बढ़ जाती हैं।

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सीमा पर डटे जवानों को रखें याद
हमें अपने उन जाबांज सैनिकों को याद रखना है जो त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं। भारत माता की सेवा और सुरक्षा कर रहे हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। अपने घर में एक दिया भारत माता के इन वीर बेटे बेटियों के सम्मान में भी जलाना है। मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूं कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ है। आपके लिए कामना कर रहा है। मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूं जिनके बेटे और बेटियां आज सरहद पर है। हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर है। मै हृदय से अपना आभार व्यक्त करता हूं।

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