निर्भया कांड : पवन जल्लाद बेटी की शादी की खातिर मुजरिम लटकाने को बेताब

हाल-फिलहाल देश में सही-सलामत मौजूद उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में रहने वाले पवन जल्लाद की खुशी का ठिकाना नहीं है, जबसे दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने निर्भया के कातिलों को एक साथ फांसी पर टांगने का 'डेथ-वारंट' (सजा-ए-मौत का फरमान) जारी किया है।
पैसे से बेटी की शादी करेगा पवन
आसमान की ओर दोनों हाथ जोड़कर पवन जल्लाद ईश्वर के साथ-साथ, तिहाड़ जेल प्रशासन और उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय का बार-बार शुक्रिया अदा करता है, क्योंकि निर्भया के कातिलों को फांसी पर लटकाने की एवज में उसे एक लाख रुपए जैसी 'मोटी पगार' जिंदगी में पहली देखने को मिलेगी। मेहनताने में हासिल इस रकम से पवन जल्लाद घर में कुंवारी बैठी 18 साल की बेटी की शादी करेगा।
फांसी के बदले इतनी रकम पहली बार
बकौल पवन जल्लाद- "इस वक्त मैं 57 साल का हो चुका हूं। मैंने अपने जीवन में इससे पहले कभी, इतनी बड़ी रकम फांसी के बदले मेहनताने के रूप में मिलती हुई न देखी न सुनी। कहने को भले ही मैं देश में खानदानी जल्लाद क्यों न होऊं।"
पुश्तैनी जल्लाद है पवन
पवन ने कहा, "मेरे परदादा लक्ष्मन जल्लाद थे। दादा कालू राम उर्फ कल्लू और पिता मम्मू भी पुश्तैनी जल्लाद थे। दादा ने रंगा-बिल्ला से लेकर इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह, केहर सिंह तक को इसी तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया था। मगर वो जमाना औने-पौने मेहनताने का था। आने-जाने का खर्चा और जेल में एक दो रात अच्छे से रहने के इंतजाम से ही हमारे पुरखे सब्र कर लेते थे। आज महंगाई का जमाना है। पहले गरीब आदमी रोटी-नमक-प्याज खाकर जिंदगी बसर कर लेता था। आज प्याज देश में 150 रुपए किलो बिक रहा है।"
मुजरिम को लटकाने को बेताब
दिल की ये बातें पवन ने मीडिया से एक खास बातचीत में कहीं। निर्भया के हत्यारों को फांसी पर चढ़ाने को लेकर देश में और भी मौजूद एक दो जल्लादों में से कोई इतना बे-सब्र या बेताब नहीं है जितने आप? पूछने पर पवन जल्लाद ने बेबाकी से कहा कि- "पांच बेटियां और दो बेटे मतलब 7 संतान जिस पिता के सहारे हों, इस महंगाई के जमाने में, सोचिए उसकी जरूरतों का आलम क्या होगा?"
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