अमरीका और ईरान के तनाव को लेकर DGCA ने सभी एयरलाइंस को रूट बदलने की दी हिदायत

नई दिल्ली। अमरीका और ईरान बीच चल रही तनातनी को देखते हुए भारत की एयरलाइंसों को अपने रूट में बदलाव करने की हिदायत दी गई है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इन उड़ानों को खाड़ी के ऊपर से न उड़ाने की सलाह दी है। गौरतलब है कि बुधवार को ईरान ने इराक स्थित अमरीकी सैन्य बेस पर 22 बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया था। इसके बाद से दो देशों में तनाव काफी बढ़ गया है।

इराक ने की ईरानी हमले की पुष्टि, कहा- तेहरान ने दागी 22 मिसाइलें, एक भी इराकी नागरिक की मौत नहीं

एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि इससे दिल्ली (Delhi) की उड़ान को लगभग 20 मिनट और मुंबई (Mumbai) से उड़ानों को 30 से 40 मिनट की वृद्धि हो सकती है। ईंधन की अधिक खपत के कारण न केवल एयरलाइनों की लागत बढ़ेगी, बल्कि तेल-समृद्ध पश्चिम एशियाई देशों में तनाव बढ़ने से क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।

एयर इंडिया (Air india) का यह फैसला तब आया जब नागर विमानन नियामक ने ईरान और अमरीका के बीच तनाव को लेकर इस क्षेत्र में उड़ान भरने वाली एयरलाइंस को सतर्क रहने की चेतावनी दी। गौरतलब है कि हाल में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी गई। इसके बाद से जारी तनाव के मद्देनजर इस क्षेत्र में उड़ान भरने वाली एयरलाइंस को सतर्क रहने को कहा गया है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के प्रमुख अरुण कुमार ने बताया कि नियामक ने संबंधित एयरलाइनों के साथ बैठक की और उन्हें सतर्क रहने और सभी सावधानी बरतने के लिए कहा है। हालांकि, अभी तक कोई औपचारिक निर्देश सामने नहीं आया है।

बुधवार सुबह तेहरान के बाहर टेक-ऑफ के बाद एक यूक्रेनी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद यह चेतावनी का नोट आया। इस हादसे में सभी लोग मारे गए। अमरीकी न्याय विभाग के अनुसार, ईरान ने इराक में दो अमरीकी एयरबेस पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। हमलों के मद्देनजर, यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने पहले ही इराक, ईरान और खाड़ी में उड़ान भरने वाले अमरीकी पंजीकृत वाहकों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सभी गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है

तनाव में वृद्धि के कारण भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से इराक के लिए सभी गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है। इराक में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अगली अधिसूचना तक इराक की सभी गैर-आवश्यक यात्रा से बचें। इराक में रहने वाले भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और साथ ही कहा गया कि वे इराक के भीतर यात्रा करने से बच सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि बगदाद में हमारा दूतावास और एरबिल में वाणिज्य दूतावास सामान्य रूप से काम करना जारी रखेगा।

संचालन प्रभावित नहीं होंगे

निजी भारतीय वाहक जैसे स्पाइसजेट (spicejet) और इंडिगो, जो पश्चिम एशिया के लिए कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करते हैं, ने कहा कि उनके संचालन प्रभावित नहीं होंगे। इंडिगो ने एक बयान में कहा कि इंडिगो (indigo) ईरानी और इराकी हवाई क्षेत्र में किसी भी उड़ान का संचालन नहीं करता है, इसलिए हम मध्य-पूर्व या तुर्की के लिए हमारी उड़ानों के प्रभावित होने की उम्मीद नहीं करते हैं।"

उन्होंने कहा, "खाड़ी के रास्ते ओमान, सऊदी अरब और फारस की खाड़ी से होकर गुजरते हैं, जबकि तुर्की के रास्ते कैस्पियन समुद्र के ऊपर उत्तरी मार्गों से उड़ान भरते हैं और वहां से सीधे इस्तांबुल जाते हैं।" स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन के परिचालन पर असर नहीं पड़ा है क्योंकि यह ईरानी हवाई क्षेत्र पर उड़ान नहीं भरता है। विमानन विशेषज्ञों ने कहा कि एयरलाइंस चाहे जितनी भी उड़ान भर लें, ईंधन की ऊंची कीमतें एयरलाइनों को किनारे रखने के लिए बाध्य हैं।



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