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Patrika Explainer: 'भारत में दुनिया का पहला DNA वैक्सीन जायडस कैडिला', जानिए ZyCoV-D कैसे करता है काम

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए तेजी से टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। भारत में अभी तीन वैक्सीन (कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक-वी) का टीका लगाया जा रहा है। लेकिन अब भारत को एक और वैक्सीन मिलने वाला है। इससे देश में टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी। यह स्वदेशी वैक्सीन है। सबसे खास बात कि यह दुनिया की पहली DNA आधारित कोविड वैक्सीन होगी।

गुजरात के अहमदाबाद स्थित फार्मास्यूटिकल कंपनी Zydus Cadila द्वारा विकसित किए जा रहे ZyCoV-D COVID-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण समाप्त हो चुके हैं और सितंबर-अक्टूबर तक बाजार में उपलब्ध होने की संभावना है।

राज्यसभा में जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि जायडस कैडिला का ZyCoV-D भारत की पहली डीएनए वैक्सीन होगी और 7 करोड़ खुराक जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद है। उन्होंने आगे बताया कि भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बनने वाला है, जिसने कोविड के खिलाफ डीएनए वैक्सीन तैयार की है।

कब तक उपलब्ध होगी वैक्सीन?

स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में बताया कि सितंबर-अक्टूबर तक बाजार में यह वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। वहीं, इस महीने की शुरुआत में Zydus Cadila ने कहा था कि उसने दुनिया के पहले प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से आपातकालीन इस्तेमाल के लिए प्राधिकरण से इजाजत मांगी थी।

इस वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के प्रारंभिक परिणामों से पता चला कि इसकी प्रभावशीलता दर 66.6 प्रतिशत है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा ''कंपनी ने घोषणा की कि परीक्षण के दौरान टीका लेने वाले किसी भी वॉलेंटियर्स (स्वयंसेवक) के गंभीर रूस से बीमार होने या उसकी मृत्यु की रिपोर्ट सामने नहीं आई। इससे ये साफ है कि ZyCoV-D कोवि़-19 के खिलाफ प्रभावी तौर पर काम करने वाला दुनिया का पहला डीएनए-आधारित टीका बन गया"।

तीसरे चरण का परीक्षण देश भर में 50 साइटों पर किया गया था और इसमें 28000 से अधिक वॉलेंटियर्स शामिल थे। कंपनी ने कहा कि यह वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ अधिक प्रभावकारी है। इसके अलावा, 12-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के बीच भी टीके का परीक्षण किया गया और इसे सुरक्षित पाया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, दवा नियामक ने कंपनी से अतिरिक्त डेटा मांगा है और एक बार संतोषजनक ढंग से समीक्षा किए जाने के बाद अगस्त में ZyCoV-D को जारी करने की मंजूरी दे सकता है। अनुमति मिलने के बाद यह भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के बाद दूसरा स्वदेश निर्मित वैक्सीन बन जाएगा। कंपनी ने कहा था कि वह सालाना अपने टीके की 10-12 करोड़ खुराक बनाने की योजना बना रही है।



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