पत्रकारिता को सम्मान: अभिषेक और फेरगस को कर्पूर चंद्र कुलिश पुरस्कार

जयपुर। राजस्थान पत्रिका समूह की ओर से उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए 11 हजार अमरीकी डॉलर पुरस्कार राशि वाले कर्पूर चंद्र कुलिश (केसीके) इंटरनेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म के वर्ष 2018 और 2019 के विजेताओं की घोषणा कर दी गई है। वर्ष 2018 के विजेता लखनऊ के अभिषेक गौतम रहे हैं, जबकि 2019 का यह पुरस्कार यूएसए के फेरगस शील ने जीता है। दोनों वर्षों के लिए दुनियाभर से प्राप्त प्रविष्टियों में से 17 का मेरिट अवार्ड के लिए चयन किया गया है। यह पुरस्कार राजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चंद्र कुलिश की स्मृति में 2007 से दिए जा रहे हैं।
नवभारत टाइम्स के पत्रकार अभिषेक को 2018 की मानवीय पहलू पर आधारित 'भिखारियों की दुनिया की पड़ताल' शीर्षक समाचार शृंखला के लिए पुरस्कृत किया जाएगा, वहीं यूएसए स्थित आइसीआइजे संस्थान के फेरगस को भारत सहित विभिन्न देशों के समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार 'चाइना केबल्स' के लिए विजेता घोषित किया गया है। 'भिखारियों की दुनिया की पड़ताल' के तहत समस्या व अनछुए पहलू उजागर करने के लिए अभिषेक 6 दिन तक भिखारियों के बीच रहे और वहां रात भी बिताई।
इन समाचारों का व्यापक असर हुआ और लखनऊ में स्थानीय प्रशासन ने भिखारियों के लिए आवास बनाया। करीब 70 भिखारी, जो शारीरिक रूप से अक्षम नहीं थे, उनको सिलाई, कढ़ाई जैसे कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया। जिला कल्याण समिति ने करीब 100 भिखारियों को वापस अपने घर भिजवाया। इससे शहर को भिखारी मुक्त बनाने का प्रयास सफल हो गया।

इसी तरह 2019 की चयनित प्रविष्टि 'चाइना केबल्स' के लिए यूएसए, आयरलेंड, ब्रिटेन, स्वीडन, स्पेन, फ्रांस, इजराइल व आस्ट्रेलिया सहित 14 देशों के 17 मीडिया समूहों के 75 पत्रकारों की टीम ने दुनियाभर में खुफिया तरीके से चीन में शिविरों में रखे गए हजारों उइगर मुस्लिम परिवारों की स्थिति को लेकर काम किया। इससे संबंधित समाचारों का 9 भाषाओं में प्रकाशन हुआ।
इन यातना शिविरों को लेकर अमरीका और यूरोपीय देशों की सरकारों ने दखल किया और कई देशों की सरकारों ने चीनी अधिकारियों से बात की। ब्रिटेन व जर्मनी ने चीन से इन शिविरों का निरीक्षण करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय दल भेजने की अनुमति मांगी, वहीं चीन की सरकार ने इन खबरों को तथ्यहीन बताया और दस्तावेज नष्ट कर दिए। बाद में इन यातना शिविरों को भी बंद कर दिया गया।
निर्णायक मंडल
दोनों वर्षों के लिए प्राप्त प्रविष्टियों के मूल्यांकन के लिए निर्णायक मंडल में भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी, पूर्व आर्मी कमांडर अरुण साहनी, ब्रिटेन के लेखक मार्टिन गुडमेन, लोकनीति विशेषज्ञ विक्रम मेहता, अमूल समूह के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी और राजस्थान पत्रिका समूह के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी शामिल रहे।

मेरिट अवॉर्ड के लिए 17 प्रविष्टियों का चयन
जयपुर। राजस्थान पत्रिका समूह की ओर से वर्ष 2018 और 2019 के कर्पूरचंद्र कुलिश (केसीके) इंटरनेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म के लिए 17 मेरिट अवॉर्ड दिए जाएंगे।
समूह की ओर से जारी परिणाम के अनुसार वर्ष 2018 में 'मलयाला मनोरमा' (पलक्कड, केरल) के एम शाजिल कुमार को 'अट्टापडी फेल्ड', 'दैनिक जागरण' (भागलपुर, बिहार) के अश्चिनी कुमार सिंह की टीम को 'बाजार में बचपन', 'द हिन्दू' (गुरुग्राम, हरियाणा) के अशोक कुमार को 'द आउटसाइडर्स ऑफ हरियाणा', यूएसए के आइसीआइजे संस्थान के फेरगस शील की टीम को 'इम्प्लांट फाइल्स', 'द वीक' (बैंगलूरु, कर्नाटक) की मिनी पी थॉमस को 'स्कार्स, सीन एंड अनसीन', मलेशिया के 'द स्टार मीडिया' (सेलांगर) समूह की इआन यी और उनकी टीम को 'रिफ्यूजी नो मोर', दैनिक जागरण (जमशेदपुर) के शशि शेखर व उनकी टीम को पोलियो खुराक अभियान का घोटाला उजागर करने, 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' (जयपुर) के शोएब खान को जल संकट, दीपिका डेली (त्रिवेंद्रम) के रिचार्ड जोसेफ को 'ऑन द बैंक्स ऑफ द कर्मणा रिवर' और दैनिक जागरण (कार्वी चित्रकूट) के शिव स्वरूप अवस्थी 'शिवा' को 'बदहाली पाठा की' समाचार के लिए मेरिट अवार्ड दिया जाएगा।
इसी तरह वर्ष 2019 में दैनिक जागरण (आगरा) के उमेश चन्द्र शुक्ला को 'ज्योति बार्बर: ए गर्ल ड्रेस्ड एज ए बॉय, रन्स ए सैलून फॉर मैन', नाइजीरिया के 'द केबल' के फिसायो सोयोम्बो को 'अंडरकवर इंवेस्टिगेशन ऑन नाइजीरियाज क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम', 'द हिन्दू' (गुरुग्राम, हरियाणा) के अशोक कुमार को 'फ्रॉम वेल्स टू कुंडाज, ए स्टीप स्विच फॉर हरियाणा विलेजेज' 'बिजनस स्टैण्डर्ड' (नई दिल्ली) के सोमेश झा को 'पॉलिटिक्स ऑफ डेटा इन इंडिया', 'दैनिक जागरण' (जमशेदपुर) के शशि शेखर को 'ग्रामीणों ने श्रमदान कर बनाया पानी बैंक', 'द हिन्दू' (केरल) के के. एस. सुधी को 'ए लेक एट द क्रॉस हेयर्स ऑफ डेवलपमेंट' व उससे जुड़े 25 अन्य समाचार और संयुक्त अरब अमीरात के 'गल्फ न्यूज' (शारजहां) के मजहर फारूकी को 'गल्फ न्यूज अनकवर्स ग्लोबल जॉब रैकेट' समाचार के लिए मेरिट अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
अभी तक मिले पुरस्कार
वर्ष 2007 का पहला पुरस्कार पाकिस्तान के 'डॉन' अखबार की टीम को तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने 2008 में पुरस्कृत किया। वर्ष 2009 में 2008 के लिए 'हिन्दुस्तान टाइम्स' की टीम को तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने पुरस्कृत किया। वर्ष 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2009 के लिए घाना के पत्रकार अनस अरेमेयाव अनस की टीम पुरस्कृत किया। वर्ष 2014 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2010 के लिए पायनियर व टाइम्स ऑफ इंडिया की टीम को संयुक्त पुरस्कार और 2012 के लिए 'आइसीआइजे' की टीम को पुरस्कृत किया।
2011 के लिए कोई भी पुरस्कार योग्य नहीं पाया गया। वर्ष 2015 में भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आर.एम. लोढ़ा ने 2013 के लिए 'आईसीआईजे' और 'इंडियन एक्सप्रेस' की टीम को संयुक्त रूप से पुरस्कृत किया। 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2014 का पुरस्कार केन्या के वानजोही काबुकुरु और वर्ष 2015 का पुरस्कार अमर उजाला देहरादून के राकेश शर्मा एवं उनकी टीम को प्रदान किया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने 2018 में थलसेना अध्यक्ष रहते वर्ष 2016 के लिए घाना के पत्रकार अनस अरेमेयाव अनस और 2017 के लिए मलेशिया की इआन यी की टीम को सम्मानित किया।
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