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AIIMs के डॉक्टरों ने बताया- डायबिटीज और स्टेरॉयड नहीं, इन कारणों से फैल रहा है ब्लैक फंगस

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ( Union Ministry of Health ) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत म्यूकोर्मिकोसिस ( Mucormycosis ) या ब्लैक फंगस को एक उल्लेखनीय बीमारी घोषित करने की अपील की है। इस बीच दिल्ली एम्स ( delhi aiims ) के डॉक्टरों ने बताया कि ब्लैक फंगस अब केवल डायबिटीज या स्टेरॉयड ( Steroids ) तक ही सीमित नहीं हेै, बल्कि रोगियों की संख्या में अचानक हुए इजाफे के लिए कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन जिम्मेदार है। डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना के नए स्ट्रेन की वजह से देश को इस संकट का सामना करना पड़ रहा है।

ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करें राज्य और केंद्र शासित प्रदेश: स्वास्थ्य मंत्रालय

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एम्स में पिछले एक हफ्ते में ब्लैक फंगस के 75 से 80 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनमें से 30 मरीजों की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है। वहीं, मैक्स प्रबंधन की ओर से बताया गया कि उनके हॉस्पिटलों में ब्लैक फंगस के 50 मरीज भर्ती हैं। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. एमवी पद्मा के अनुसार ब्लैक फंगस के प्रकोप को अभी तक अनकंट्रोल डायबिटीज और स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल का परिणाम माना जा रहा था, लेकिन अब स्थिति दूसरी है। ब्लैक फंगस को बढ़ावा देने में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भी काफी सहायक है।

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आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी के बढ़ते प्रभाव की रोकथाम को लेकर कैंप कार्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली के तीन अस्पतालों एलएनजेपी, जीटीबी और राजीव गांधी अस्पताल में डेडिकेटेड ट्रीटमेंट सेंटर बनाए जाएंगे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ब्लैक फंगस से बचाव को लेकर दिल्ली की जनता को जागरूक किया जाएगा। देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली में अधिक संख्या में मरीज आ सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अवगत कराया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का इंतजाम किया जा रहा है।



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