Header Ads

स्कूल फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, पेरेंट्स को मिलेगी बड़ी राहत

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश के उन तमाम पेरेंट्स को बड़ी राहत दी है, जो लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी के बावजूद पूरी फीस की डिमांड कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों को आदेश दिया है कि वो एअनुल फीस में 15 फीसदी की कटौती करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा बच्चों ने स्कूलों की वो सुविधाएं नहीं ली हैं, जो वो स्कूल आने पर लेते। ऐसे में उन्हें 2020-21 की एनुअल फीस की में 15 प्रतिशत की कटौती करनी होगी। आइए आपको भी बताते हैं कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट की ओर से क्या कहा गया है।

यह भी पढ़ेंः- तमिलनाडु में बढ़े प्रतिबंध, दोपहर 12 बजे तक दुकानों को खोलने का आदेश

पेरेंट्स और स्टूडेंट्स को राहत
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविल्कर की पीठ की ओर से आदेश दिया गया कि ये फीस छह किश्तों में 5 अगस्त 2021 तक ली जाएगी। फीस ना देने पर 10वीं और 12वीं छात्रों का रिजल्ट नहीं रोका जाएगा। न ही उन्हें परीक्षा में बैठने से रोका जाएगा। कोर्ट के आदेश के अनुसार अगर कोई माता-पिता फीस देने की स्थिति में नहीं है तो स्कूल उनके मामलों पर विचार करेंगे लेकिन उनके बच्चे का रिजल्ट नहीं रोकेंगे।

यह भी पढ़ेंः- पीएम मोदी के बड़े ऐलान, 4 महीने तक टली नीट पीजी परीक्षा, कोविड ड्यूटी करने वालों को मिलेगी सरकारी नौकरी

15 फीसदी की बचत
एससी के अनुसार यह आदेश डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 के तहत नहीं दिया जा सकता क्योंकि इसमें यह कहीं भी नहीं है कि सरकार महामारी की रोकथाम के लिए शुल्क या फीस अनुबंध में कटौती करने का आदेश दे सकती है। इस एक्ट में अथोरिटी का आपदा के प्रसार की रोकथाम करने के लिए अधिकृत किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों ने लॉकडाउन के दौरान बिजली, पानी, पेट्रोल, स्टेशनरी और रखरखाव की कीमत में 15 फीसदी के आसपास बचत की है। अगर छात्रों से ये पैसा वसूला जाता है तो वो शिक्षा का व्यावसायीकरण करने जैसा होगा।

यह भी पढ़ेंः- Petrol Diesel Price Today: 18 दिन के बाद फ्यूल के दाम में बदलाव, जानिए कितना हुआ महंगा

इस मामले की सुनवाई के दौरान दिया आदेश
वास्तव में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के 36 हजार सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों और 220 सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों के मामले में यह आदेश दिया है। राजस्थान सरकार ने स्कूलों को आदेश दिया था कि लॉकडाउन को देखते हुए स्कूल छात्रों से 30 फीसदी कटौती करें। स्कूलों को फीस में कटौती करने का आदेश डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 की धारा 72 के तहत दिया गया था। इस आदेश को स्कूलों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि ये आदेश उन्हें संविधान के अनुच्छेद 19.1. जी के तहत मिले व्यवसाय करने के मौलिक अधिकार के विरूद्ध है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.