Header Ads

कोरोना संक्रमण के सेकेंड वेव को हराने के लिए सख्त लॉकडाउन जरूरी: डॉ. गुलेरिया

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी है। वहीं कोरोना संक्रमण के सेकेंड वेव के खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार व तमाम राज्य सरकारों की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।

अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने एक बड़ी बात कही है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाने की जरूरत है, जैसा कि पिछले साल मार्च में लगाया गया था।

यह भी पढ़ें :- बेहद सीमित है प्लाज्मा थैरेपी की भूमिका, स्टेरॉयड तभी कारगर जब समय पर दिए जाएं - डॉ. रणदीप गुलेरिया

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि 10 प्रतिशत से अधिक सकारात्मकता वाले क्षेत्रों को इसमें शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में डॉ. आरके हिमथानी की मृत्यु उन 12 लोगों में से एक है, जो बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन से बाहर निकलने के बाद मरे थे। यह उनके लिए एक व्यक्तिगत नुकसान है, क्योंकि वह अपने छात्र दिनों से उन्हें जानते थे। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि हमें कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर से निपटने के लिए आक्रामक तरीके से काम करना होगा। आक्रामक नियंत्रण या लॉकडाउन का मुद्दा या जो भी हो हमें जल्द से जल्द करना चाहिए।

आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने की घोषणा की है। दिल्ली में अभी पॉजिटिविटी रेट 30 प्रतिशत से अधिक पहुंच गई है। यह दूसरी बार है जब डॉ. गुलेरिया ने उच्च सकारात्मकता वाले क्षेत्रों में सख्त लॉकडाउन लगाने का आह्वान किया है।

भारत में बढ़ रहा है पॉजिटिविटी रेट

आपको बता दें कि इससे पहले अभी हाल ही में देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश के दिग्गज डॉक्टरों ने चर्चा की थी और लोगों को सलाह दी थी। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, एम्स के एचओडी ऑफ मेडिसिन डाॅ. नवनीत, डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस डाॅ.सुनील कुमार, मेदांता अस्पताल के चेयमैन डाॅ.नरेश त्रेहन बैठक में शामिल रहे थे। डॉ. गुलेरिया ने कहा था कि रेमडेसिविर दवा कोई रामबाण या जादू की छड़ी नहीं है। इसलिए हमें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

यह भी पढ़ें :- कोरोना पॉजिटिव अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को AIIMS में सीधे मिल गया बेड, लोग पूछ रहे हैं सवाल

मालूम हो कि भारत में कोविड -19 की नई लहर हर दिन संक्रमण के मामलों और मौतों का नया रिकॉर्ड बना रही है। वहीं अब लगातार पॉजिटिविटी रेट में भी बढ़ोतरी हो रही है। बीते 28 अप्रैल को देश में 379,000 नए मामले दर्ज किए गए थे। वहीं यदि 28 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते की बात करें तो भारत में हर दिन करीब 3,49,000 संक्रमण के नए मामले दर्ज किए गए। ऐसे में देश का पॉजिटिविटी रेट 20.8 प्रतिशत रहा। यानी कि हर पांच में से एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया। 15 दिन पहले हालात अलग थे। तब पॉजिटिविटी रेट 12.3 प्रतिशत था यानी हर आठ में से एक व्यक्ति पॉजिटिव मिल रहा था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जिस इलाके में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम होता है और ऐसा कम से कम दो हफ्तों तक रहता है तो माना जाता है कि संक्रमण पर नियंत्रण पा लिया गया है। लेकिन फिलहाल भारत में ये दर बहुत अधिक है। राजधानी दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 33 फीसदी तक पहुंच गया है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.