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इंदिरा गांधी से लेकर पीएम मोदी तक ले चुके हैं इस कॉफी हाउस में चुस्कियां, लॉकडाउन में 100 गुना कम हुई रोज की कमाई

शिमला। हिमाचल प्रदेश में पर्यटन उद्योग पर कोरोना की कुदृष्टि पडऩे के बाद 1962 में स्थापित शिमला के प्रतिष्ठित इंडियन कॉफी हाउस में गर्म कॉफी और गर्म राजनीतिक बहस जल्द ही बंद हो सकती है। इसका कारण है लॉकडाउन में प्रति दिन की कमाई 100 गुना तक कम होना। खास बात तो ये है इस कॉफी हाउस में इंदिरा गांधी से लेकर पीएम मोदी तक चुस्कियां ले चुके हैं। पिछले 15 महीनों में महामारी के प्रकोप के बाद ये बंद होने के कगार पर है।

बंद होने के कगार पर इंडियन कॉफी हाउस
इंडियन कॉफी हाउस के प्रबंधक आत्मा राम शर्मा ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि पिछले एक साल से हम काम नहीं कर रहे हैं और कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के कारण हमारी सेवा में बाधा के कारण वेतन बिलों का भुगतान करने में असमर्थ हैं। इस भारी वेतन बैकलॉग और अनिश्चितता की अवधि के बीच, हमारे अधिकांश कर्मचारी, अन्य आतिथ्य उद्योग की तरह, काम से वंचित और निराश महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही यह हमारे वफादार ग्राहकों की मांग पर पूरी तरह से चालू हो जाए, जो दशकों से समर्पित हैं, बढ़ते नुकसान के साथ मुझे नहीं लगता कि इसे सुचारू रूप से संचालित करना संभव है। शर्मा के अनुसार, चंडीगढ़, दिल्ली, इलाहाबाद और कोलकाता जैसे शहरों में सहकारी समिति द्वारा 'नो-प्रॉफिट, नो-लॉस' के आधार पर चलाए जा रहे इस तरह के सात-आठ कॉफी हाउसों की कमाई में भी भारी गिरावट देखी गई है। उनमें से कई बंद होने के कगार पर हैं।

कई दिग्गज ले चुके है कॉफी की चुस्कियां
मोदी के अलावा, शिमला के अनोखे कैफे में कई प्रमुख ग्राहक देखे गए हैं । दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व उप प्रधान मंत्री एलके आडवाणी और भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी भी यहां आ चुके हैं। जब अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भारत में अध्ययन करते थे, तो वो भी अक्सर यहां आते थे। मोदी ने 2017 में अपनी अंतिम यात्रा के दौरान याद किया कि वह राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखने के लिए अपने पत्रकार मित्रों के साथ कॉफी हाउस में घंटों बिताते थे। शिमला के अकादमिक, कानूनी, कला और पत्रकारिता जगत के कई लोग इसके नियमित ग्राहक रहे हैं।

100000 से 1000 रुपए रह गई कमाई
महामारी से पहले, शिमला के कॉफी हाउस की दैनिक बिक्री 100,000 रुपए से अधिक थी। वर्तमान में, कॉफी हाउस प्रतिदिन तीन घंटे काम कर रहा है, लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण 1,000 रुपए से 1,500 रुपए प्रति दिन की आय हो रही है। मुख्यमंत्री के पूर्व प्रेस सचिव शर्मा ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि यह जानकर बहुत दुख हुआ कि कॉफी हाउस के बुरे दिन आ गए हैं। हमारा समूह, जो गर्म कॉफी के प्याले पर राजनीति और समाज पर चर्चा करने में घंटों बिताता है, अपने पॉकेट से कुछ योगदान देकर अपने परिवेश को जीवित रखने के लिए तंत्र विकसित करने के बारे में सोच रहा है। 1980 के दशक की शुरूआत में एक कप कॉफी की कीमत 2 रुपये थी। अब यह 25 रुपए है।



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