सुप्रीम कोर्ट: 'ओटीटी के नए नियम सजा और जुर्माने के बिना दंतहीन'
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिना सजा और जुर्माने के ओवर द टॉप (ओटीटी) के नए नियम दंतहीन हैं। न्यायाधीश अशोक भूषण की खंडपीठ ने शुक्रवार को मौखिक टिप्पणी में कहा, प्रभावी कानूनों के अभाव में ओटीटी के कंटेंट पर नियंत्रण नहीं हो सकता है। इस पर सॉलिसीटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि सरकार दो हफ्ते में ड्राफ्ट कानून कोर्ट में पेश करेगी। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अमेजन इंडिया की कंटेंट हेड अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई।
तांडव से विवादित सीन हटाए : प्रकरण में अमेजन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सूचना-प्रसारण मंत्रालय के निर्देश पर पर तांडव से दो विवादित सीन पहले ही हटाए जा चुके हैं।
जस्टिस भूषण: ओटीटी के नए कानूनों के अंतर्गत पालना नहीं करने वालों पर सजा-जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है।
एसजी: हम दो हफ्ते के भीतर कोर्ट में ड्राफ्ट कानून पेश करेंगे। हां, हम मानते हैं कि नए नियमों में पुनर्विचार करना जरूरी है।
जस्टिस भूषण: प्राइम वीडियो से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान ओटीटी के नए नियम और रोक के अभाव का मुद्दा सामने आया है।
ये नियम नहीं, मात्र गाइडलाइंस -
जस्टिस भूषण: हमने सरकार द्वारा हाल में बनाए नए आइटी रूल्स देखे लेकिन ये तो मात्र गाइडलाइंस हैं।
एसजी: नए नियमों के द्वारा हमने नो सेंसरशिप और आंतरिक इंटरनेट स्व नियमन के बीच संतुलन का प्रयास किया है।
अपर्णा पुरोहित की गिरफ्तारी पर रोक-
इस बीच शीर्ष कोर्ट ने वेब सीरीज तांडव विवाद मामले में अमेजन की अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर गिरफ्तारी पर रोक के आदेश दिए। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी भेजा। साथ ही अपर्णा को जांच में सहयोग करने के आदेश भी दिए।
आयोग में सरकारी नुमाइंदगी नहीं -
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने स्पष्ट किया है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए प्रस्तावित स्व नियमन आयोग में सरकारी नुमाइंदगी नहीं होगी। गुरुवार को ओटीटी प्रतिनिधियों से मुलाकात में उन्होंने कहा, नई गाइडलाइंस सेंसरशिप नहीं हैं।
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