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Budget 2021: कमाई के साथ बढ़ेगी महंगाई बढ़ेगी, घटेंगी ब्याज दरें

नई दिल्ली।

देश के बजट का सीधा असर आम आदमी पर क्या होगा, इस बड़ा सवाल है और इसका जवाब दिया हमारे बजट एक्सपर्ट संजय झंवर ने। उनका मानना है कि यह बजट ठीक वैसा ही है, जैसी उम्मीद की जा रही थी। एक तीर से कई निशाने वित्त मंत्री ने साधे हैं। बजट बेहतर है और यही वजह है कि बाजार ने इसको सलामी दी है। हालांकि इस बजट से देश में महंगाई बढ़ेगी, क्योंकि लोगों की आय बढ़ेगी और पैसा बाजार में आएगा। एक बात और है कि बैंक की ब्याज दरें भी घटेंगी, इसलिए निवेश के लिए बैंक के ब्याज के सहारे अब नहीं रहा जा सकता है। पूरे बजट को सवालों और जवाबों में समझिए...

- क्या बजट से महंगाई बढ़ेगी?
संजय— हां, बिलकुल बढ़ेगी। जब बाजार में पैसा आएगा और डिमांड आएगी तो उसके साथ थोड़ी महंगाई भी आएगी। लेकिन इसे ऐसे मानकर चलिए कि आपकी कमाई 20 हजार रुपए बढ़ रही है और खर्च दस हजार रुपए का बढ़ रहा है।

- पेट्रोल पर किसान सेस जोड़ा है, कीमतों पर फर्क आएगा?
संजय— बिलकुल आएगा। आम आदमी पर इसका प्रभाव पड़ेगा। हालांकि इससे उस सेक्टर को फायदा होगा, जिसके लिए सेस लगाया गया है। सरकार को यह सेस की रकम उस वर्ग के लिए ही खर्च करनी होगी। ऐसे में किसानों के लिए देश को इतना खर्च करने के लिए तैयार रहना होगा।

- हेल्थ सेक्टर में बजट बढ़ाया है, सीधा फायदा क्या मिलेगा?
संजय— इससे सेक्टर में शामिल वर्कर से लेकर निवेशक तक को फायदा होगा। मशीन से लेकर तकनीकी तक में निवेश होगा। नए निवेशक आएंगे, जिसका फायदा बेहतर सुविधाओं के तौर पर हमें मिलेगा। बाजार में क्वालिटी चेक शुरू होगा और बेहतर सुविधाएं कम दरों पर देने की कोशिश शुरू होगी। अभी तक इसे निवेश के लिए सबसे बेकार सेक्टर माना जाता था और निवेशक नहीं मिलते थे। अब यहां पर निवेशक आएंगे और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

- इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई को बढ़ाया है, आम आदमी पर क्या फर्क पड़ेगा?
संजय— अभी इंश्योरेंस सेक्टर में दादागिरी का सिस्टम काम करता है। कंपनियां क्लेम तय करने में मनमानी करती हैं। जब एफडीआई आएगी तो विदेशी कंपनियां भी आएंगी और उसके साथ कंपनियों के बेहतर इंश्योरेंस प्लान और सर्विस भी आएगी। सरकारी से लेकर निजी कंपनियों पर दबाव होगा कि वह क्लेम से लेकर सर्विस तक में बेहतर तरीके से काम करें।

- एलआईसी का आईपीओ लाने की घोषणा हुई है, क्या फर्क पड़ेगा?
संजय— एलआईसी सरकार के लिए एक खजाना है, जिसका उपयोग बुरे वक्त में होता है। अब यह अच्छा उपयोग हो रहा है या फिर बुरा, इस पर सिर्फ सरकार का नियंत्रण है। आईपीओ आने के बाद इसमें आम आदमी की हिस्सेदारी होगी और सरकार कोई भी ऐसा निर्णय मनमर्जी से नहीं ले पाएगी। इसके साथ एलआईसी को अपना काम करने का तरीका बदलना होगा, मार्केट के हिसाब से लचीलापन लाना होगा, जिसका फायदा आम आदमी को ही मिलेगा। एलआईसी फिर आम आदमी के लिए जिम्मेदार ज्यादा होगी, बजाय सरकार के।

- दो बैंक, एक बीमा कंपनी और कई सरकारी कंपनियों के निजीकरण करना ठीक होगा?
संजय— सरकार ने बजट में क्वालिटी खर्च बढ़ाने की बात कही है। रेवेन्यू बढ़ी नहीं है तो उसके लिए पैसे इस निजीकरण से ही आएंगे। यह निर्णय सही भी है कि नॉन परफॉर्मिंग कंपनियों को चलाने की जिम्मेदारी सरकार क्यों उठाए, जबकि उसे निजी लोग बेहतर तरीके से चला सकते हैं। सरकार निगरानी बेहतर कर सकती है। ऐसे में उसे निगरानी का रास्ता चुना है। मतलब एक तीर से कई निशाने साधे हैं।

- सोने—चांदी पर सीमा शुल्क घटाया है, सोने में निवेश का समय है या फिर छोड़ने का?
संजय— देखिए, सोने पर सीमा शुल्क कम या ज्यादा होने से उसकी कीमतों पर कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। इससे आम आदमी को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन जो संगठित सेक्टर आभूषण के निर्यात का काम करता है, उसे जरूर इससे फायदा होगा।

- अगर मैं युवा 50 हजार रुपए कमाता हूं तो बजट में मेरे लिए क्या है?
संजय— एक नया इंडिया सामने है, जिसमें ग्रोथ तेजी से है। मसलन, अगर आप 50 हजार कमाते हैं तो आपकी कमाई एक लाख होने में दस साल लगते थे...अब छह साल लगेंगे। स्वास्थ्य और दूसरी सुविधाएं बेहतर मिलेंगी।

- अगर मैं कामकाजी महिला हूं तो मुझे क्या फर्क पड़ेगा?
संजय— महिलाओं को इस बजट में अलग से तवज्जो नहीं दी गई है, वही मिलेगा जो एक पुरुष को मिल रहा है। इसमें पुरुष और महिलाओं को बराबर रखा गया है।

- अगर मैं 62 साल का रिटायर हूं तो मुझे क्या फर्क पड़ेगा?
संजय— इस उम्र में क्वालिटी हेल्थ सुविधाएं ले सकेंगे। लेकिन यहां एक बात समझने की होगी कि अगर आप सेविंग पर बैंक के ब्याज के भरोसे हैं तो संभलने का वक्त है। ब्याज दरें घटेंगी, ऐसे में इक्विटी और बैंक का ब्याज दोनों विकल्प साथ लेकर चलने होंगे।



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