खुले बाजार में कब आएगी कोरोना वैक्सीन? एम्स निदेशक ने दिया जवाब

नई दिल्ली। बीते 16 जनवरी से देश में फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए कोरोना वायरस वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद से आम जनता के बीच यह सवाल काफी बड़ा हो गया है कि यह वैक्सीन कब से खुले बाजार में उपलब्ध होगी। बुधवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इस सवाल का जवाब दिया। डॉ. गुलेरिया ने खुलासा किया कि कोरोना वायरस के टीके इस साल के अंत तक खुले बाजार में उपलब्ध हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने आगे यह बात भी जोड़ी कि खुले बाजार में यह तभी उपलब्ध हो सकेंगे जब मुख्य रूप से चुने गए लोगों को कवर किया जा चुका होगा और आपूर्ति और मांग में बराबरी होगी।
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डॉ. रणदीप गुलेरिया बुधवार को COVID-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक हासिल करने के बाद यह जानकारी दे रहे थे। देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान के प्रमुख डॉ. गुलेरिया को 16 जनवरी को COVID-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस बीमारी के खिलाफ शुरू में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया था।
मीडिया से बातचीत में एम्स निदेशक ने कहा, "जब प्राथमिकता श्रेणी के सभी लोगों का टीकाकरण हो जाएगा, तब ही वैक्सीन खुले बाजार में उपलब्ध होगी। इसके साथ ही मांग और आपूर्ति में समानता होनी चाहिए। उम्मीद है, साल के अंत तक या उससे पहले ऐसी स्थिति होगी। फिर, खुले बाजार में वैक्सीन आने की संभावना हो सकती है।"
अपने पिछले 28 दिनों के अनुभव (दूसरी खुराक के लिए जरूरी एक समय अवधि) को साझा करते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा, "आज मैंने कोवैक्सिन वैक्सीन की दूसरी खुराक ले ली और मुझे पहली खुराक से कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ है। मुझे किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा। मैं लोगों से आग्रह करूंगा कि वे वैक्सीन से न डरें और यह पूरी तरह से सुरक्षित है। लोगों को बाहर आकर वैक्सीन लगवानी चाहिए। अगर हम महामारी से बाहर आना चाहते हैं, तो यह जरूरी है।"
उन्होंने कहा कि महामारी अभी भी खत्म नहीं हुई है और भारत एक अच्छी स्थिति में है, लेकिन लोगों को वैक्सीन से झिझक नहीं होनी चाहिए और टीका लगवाना चाहिए।
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डॉ. गुलेरिया बोले, "अभी हमारी स्थिति ठीक है और कई लोग मान सकते हैं कि भारत में महामारी के मामले कम हैं, लेकिन मैं कहूंगा कि यह हमारे लिए वैक्सीन प्राप्त करने के अवसर है क्योंकि महामारी अभी भी खत्म नहीं हुई है और स्थिति कभी भी बदल सकती है। जैसा कि हमने ब्राजील, यूरोप, दक्षिण अफ्रीका और यूनाइटेड किंगडम में देखा है कि मामले बढ़ने के साथ वहां फिर से लॉकडाउन किया गया है। हमें देश में वर्तमान स्थिति को बनाए रखना चाहिए क्योंकि यह जरूरी है।"
डॉ. गुलेरिया ने लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर पैदा संकोच के बारे में बात करते हुए कहा कि कई लोगों को टीका लगाया गया है और डेटा भी दर्शाता है कि ये टीके सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया, "वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट समझ में आती है क्योंकि लोगों को कुछ संदेह हो सकता है कि क्या टीका सुरक्षित है या नहीं, लेकिन इतने दिन बीत चुके हैं और कई लोगों को यह लग चुका है। आंकड़े बताते हैं कि वैक्सीन सुरक्षित है इसलिए हिचकिचाहट से बचना चाहिए।"
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