ऋषि गंगा प्रोजेक्ट पर पहले भी टूटा मुसीबतों का पहाड़, जानिए तब क्या हुआ था, कंपनी हो गई थी दिवालिया

नई दिल्ली।
उत्तराखंड के चमोली जिले में गत रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट गया। इससे हुए भूस्खलन में कई लोगों की जान चली गई, जबकि बहुत से लोग अब भी लापता है, जिन्हें खोजने का काम बचाव एजेंसियां कर रही हैं। वहीं, इस दुखद हादसे में दो हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इसमें एक है तपोवन-विष्णुगढ़ प्रोजेक्ट, जिसकी क्षमता 520 मेगावॉट है और इस पर अब भी निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि दूसरा ऋषि गंगा पॉवर प्रोजेक्ट है। इसकी क्षमता 13.2 मेगावॉट है।

वैसे तो इस हादसे में दोनों ही प्रोजेक्ट को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन ऋषि गंगा हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट, जिसे बनाने की जिम्मेदारी ऋषि गंगा पॉवर प्रोजेक्ट के पास है, को नुकसान अधिक हुआ है। यह प्रोजेक्ट ऋषि गंगा नदी पर बन रहा है। यह अलकनंदा की सहायक नदियों में से एक है।

2016 में भी हुआ था नुकसान
ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को वर्ष 2016 में भी काफी नुकसान पहुंचा था। तब ऋषि गंगा नदी में बाढ़ आ गई थी, तब यहां काम रोकना पड़ा था। इस दौरान बिजली बनने का काम भी पूरी तरह बंद हो गया था। यही नहीं, उस समय यह प्रोजेक्ट बना रही लुधियाना की ऋषि गंगा पॉवर कॉरपोरेशन नाम की कंपनी दिवालिया हो गई थी। इस कंपनी पर बैंकों का करीब 165 करोड़ रुपये बकाया था, जो एनपीए में तब्दील हो गया। तब जिन बैंकों ने कंपनी को इस प्रोजेक्ट के लिए कर्ज दिया था, उन्होंने रिकवरी के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का रूख किया।

2018 में नई कंपनी को मिला प्रोजेक्ट
ऋषि गंगा पॉवर कॉरपोरेशन के दिवालिया होने के बाद वर्ष 2018 में इस कंपनी का काम कुंदन ग्रुप नाम की दूसरी कंपनी को दे दिया गया था। कुंदन ग्रुप को यह प्रोजेक्ट 45 करोड़ 62 लाख रुपये में मिला था। कुंदन ग्रुप ने जून 2019 में इस प्रोजेक्ट से दोबारा बिजली का उत्पादन शुरू किया। कंपनी के मुताबिक, रविवार हो आई आपदा में प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया। इससे करीब 112 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, प्रोजेक्ट साइट पर काम कर रहे करीब 70 लोग अब भी लापता हैं, जिन्हें ढूंढ़ा जा रहा है। इनमें 3.3 मेगावॉट की चार यूनिट लगी थी।

3 हजार करोड़ के तपोवन प्रोजेक्ट को भी नुकसान
तपोवन-विष्णुगढ़ प्रोजेक्ट, जो अभी निर्माणाधीन है और करीब तीन हजार करोड़ रुपये में एनटीपीसी इसे बना रही है, की क्षमता 520 मेगावॉट की है। इसमें 130 मेगावॉट की चार यूनिट होंगी। इस प्रोजेक्ट का बांध धौली गंगा और ऋषि गंगा नदियों के संगम पर बना है। इस प्रोजेक्ट से अभी बिजली का उत्पादन शुरू नहीं हुआ है। एनटीपीसी के अनुसार, रविवार को आई आपदा से प्रोजेक्ट के एक हिस्से को नुकसान पहुंचा है।



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