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क्या 'अपने बच्चे' को वापस हासिल कर पाएगा टाटा?

नई दिल्ली.

मुझे अभी वैसा ही महसूस हो रहा है, जैसा आपको तब महसूस होता, जब आपसे आपका सबसे प्यारा बच्चा छीन लिया जाता है। एक सवाल के जवाब में 27 फरवरी 1978 को एयर इंडिया के अध्यक्ष व इंडियन एयरलाइंस के निदेशक पद से हटाए जाने के बाद जेआरडी टाटा ने कही थी।

तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी का फैसला एयर इंडिया के लिए बुरा सपना बनकर सामने आया। इसके बाद एयर इंडिया का शुरू हुआ बुरा दौर थमा नहीं। सरकारी कुप्रबंधन और निगरानी की कमी ने एयरलाइन को अपने घुटनों पर ला दिया। आखिरकार सरकार को एयर इंडिया बेचने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि इस सफर में टाटा समूह का भी एयर इंडिया से रिश्ता पूरी तरह से खत्म हो गया। रतन टाटा एयर इंडिया के आखिरी चेयरमेन रहे और समूह उसी रिश्ते व जुड़ाव के साथ दोबारा एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए तैयार है।

एयर इंडिया विनिवेश का दूसरा चरण आज से
एयर इंडिया के विनिवेश का दूसरा चरण आज 5 जनवरी को शुरू होगा। सरकार बोली लगाने वालों के नामों की घोषणा करेगी। इस प्रक्रिया को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में बोली लगाने वालों की ओर से एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट प्रस्तुत की गई हैं। दूसरे चरण में नियम व शर्तों के आधार पर चयन किया जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो जरूरी औपचारिकताओं के बाद एयर इंडिया बिक जाएगी।

टाटा के साथ कर्मचारियों का समूह भी दौड़ में
एयर इंडिया को खरीदने की दौड़ में टाटा समूह को एयर इंडिया के कर्मचारियों से ही चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। कर्मचारियों का समूह खुद इस बोली का हिस्सा है। हालांकि टाटा समूह को अभी तक सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। इसके साथ ही टाटा ही एयर एशिया और विस्तारा में बढ़ती हिस्सेदारी को भी इससे जोड़कर ही देखा जा रहा है।

...और बुरा दौर शुरू
- 1 जनवरी 1978 को एयर इंडिया का पहला बोइंग-747 मुंबई के समुद्र तट पर गिर गया। सभी 213 यात्रियों व चालक दल की मौत।
- फरवरी 1978 तत्कालीन पीएम मोरारजी देसाई ने जेआरडी को एयर इंडिया की अध्यक्षता व इंडियन एयरलाइंस के निदेशक पद से हटा दिया।

स्वर्णिम काल : छठां से आठवां दशक
- 1955 में चीन के पास लंबी दूरी के लिए विमान नहीं थे। तब चीनी पीएम को 'इंडियन एयरलाइंस ने चार्टर्ड प्लेन सुविधा मुहैया कराई।
- 1960 में एयर इंडिया के फ्लीट में पहला बोइंग 707—420 शामिल हुआ
- 1962 में एयर इंडिया दुनिया की पहली ऐसी एयरलाइंस थी, जिसकी फ्लीट में सिर्फ जेट एयरक्राफ्ट थे। इसमें सबसे आधुनिक इंजन थे।
- 1970 में सिंगापुर एयरलाइंस शुरू होने से पहले सीखने के लिए दुनिया की सर्वश्रेष्ठ एयरलाइन्स में से एयर इंडिया को चुना।

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कभी सीखा था आज श्रेष्ठ एयरलाइंस
एयर इंडिया ने 1932 में पहली बार कराची से मुंबई के बीच पहली फ्लाइट चलाई थी। बेहतर सुविधा व अनुभव होने के कारण सिंगापुर एयरलाइस ने फ्लाइट सर्विस यानी फ्लाइट के अंदर सर्व होने वाले खाने, ड्रिंक्स, अटेंडेंट से लेकर ऑपरेशन तक सबकुछ एयर इंडिया से ही सीखा था। आज दुनिया की श्रेष्ठ एयरलाइंस में से एक है

ताकत
169 एयरक्राफ्ट हैं, जिसमें से 13 खराब पड़े
1 साल में एक भी नया एयरक्राफ्ट नहीं खरीदा
60 हजार यात्री से देश-विदेश में यात्रा करते हैं
9 नई इंटरनेशनल उड़ान की शुरूआत की है

उड़ानें
4486 स्लॉट घरेलू हवार्ई अड्डों पर उड़ान के लिए
2738 स्लॉट अंतरराष्ट्रीय हवार्ई अड्डों पर उड़ान के लिए
450 उड़ानें प्रति सप्ताह एयर इंडिया एक्सप्रेस की होती है
2712 उड़ानें एयर इंडिया की होती हैं प्रति सप्ताह

कर्मचारी
9428 स्थायी कर्मचारी, करीब 10 हजार कॉन्ट्रैक्ट
1700 पायलट व 4 हजार एयर हॉस्टेस कार्यरत हैं
300 करोड़ प्रतिमाह कर्मचारियों को वेतन देने होते

'आंकड़े 1 नवंबर 2020 तक के'



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