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Coronavirus: को लेकर लोगों में मिथक और भ्रांतियां, जानें क्या कहती साइंस

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 94,62,809 हो गई है। एक ओर जहां कोरोना वायरस ने मानव जीवन में उथल-पुथल मचा दी है, वहीं ठीक होने के बाद भी यह लोगों में कई तरह के शारीरिक और मानसिक विकार छोड़ जाता है। इसके साथ ही कोरोना को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां और गलतफहमियां भी पल रही हैं। जिनका दूर किया जाना बेहद जरूरी है।

कोरोना संकट के बीच केवल यही जरूरी नहीं हैं कि हम कोविड—19 से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का ही सही से पालन करें, बल्कि यह कहीं अधिक आवश्यक है हम इस बीमारी को लेकर फैलाई जा रही अफवाह और झूठ से खबरदार भी रहें।

यहां पर कुछ ऐसी भ्रांतियां और गलतफहमियां हैं, जिनको विज्ञान सिरे से नकार चुका है-

1- कोरोना वायरस चीन की एक लैब से फैला है

बहुत सारे लोग अभी भी यह मानते हैं कि कोरोना वायरस लैब की देन है। हालांकि अभी तक इसकी न तो कोई पुष्टि हुई है और न ही कोई ऐसा कोई प्रमाण मिला है। इससे पहले सार्स कोविड-2 को लेकर भी यही दावा किया गया था कि इसका जन्म चमगादड़ से हुआ है। वहीं, जर्नल नेचर मेडिशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड प्रकति की देन है, न कि किसी लैब की।

2- कोरोना वायरस गरम मौसम में कमजोर पड़ जाता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो हाई ट्रेंपरेचर आपकी कोरोना से सुरक्षा करता है। लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप गरम मौसम या बढ़ते तापमान में कोरोना संक्रमित न हों। क्योंकि ऐसी एक नहीं बल्कि कई रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं, जिनसे पता चला है कि गरम जलवायू वाले क्षेत्रों में भी कोरोना वायरस ने तबाही मचाई है।

5- लक्षणों के आधार पर कोरोना वायरस की पहचान

कोविड-19 के लक्षण खतरे की आशंका के हिसाब से मरीज से मरीज पर निर्भर करते हैं। कोरोना वायरस के ऐसे बहुत सारे लक्षण हैं, जो अन्य सामान्य बीमारियों से भी मिलते जुलते हैं। जैसे कोमन कोल्ड या फलू। ऐसे में कई लोग कोरोना संक्रमित होने के बाद भी कुछ अलग लक्षण नहीं दिखाते। इसलिए सच तो यह है कि बिना टेस्ट कराए इंसान के लिए यह बताना लगभग असंभव ही है, कि वह कोरोना वायरस की चपेट में आ चुका है या नहीं।

6- विटामिन सी आपका कोरोना से बचाव करता है

यह बात सही है कि विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने और वाइट ब्लड सेल्स को तेजी से फंक्शन करने कराने में काफी मददगार है। लेकिन जहां तक विटामिन सी द्वारा आपको कोरोना वायरस से बचाने का सवाल है तो रिसर्च में ऐसा कोई प्रमाण सामने नहीं मिलता जो यह सिद्ध करे कि यह विटामिन इंसान को कोविड की चपेट में आने से बचाता है।

7- अल्कोहल का सेवन करोनो से बचाव में मददगार

इसमें कोई संदेह नहीं कि अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर्स कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकते हैं। लेकिन यह बात कहीं साबित नहीं हुई है कि अल्कोहल का सेवन भी आपको कोरोना संक्रमित होने से बचाता है। जबकि ऐसा करने से नुकसान कहीं और ज्यादा होता है। ऐसा देखने में आया है कि अल्कोहल के सेवन के बाद लोग सोचते हैं कि ऐसा करके वो कोरोना वायरस से बचे रहेंगे, लेकिन वास्तव में अल्कोहल उनके कोरोना से मुकाबला करने वाले इम्यून सिस्टम को पहले से कहीं अधिक कमजोर करता है।

8- मास्क पहनने से ऑक्सीजन लेवल कम होता है

फेस कवर या फेस मास्क पहनना थोड़ा असुविधाजनक जरूर है। लेकिन इसका यह मतलब यह कतई नहीं है कि यह ऑक्सीजन लेवल को कम करता है। बल्कि रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया है कि कई मास्क तो जैसे एन-95 तो ऑक्सीजन और कार्बनडाइ ऑक्साइड के फलो को और ज्यादा बढ़ाते हैं।

9- कम उम्र के लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित हैं

यह केवल एक भ्रांति है कि कम उम्र के लोग कोरोना से अन्य के मुकाबले अधिक सुरक्षित है। हां यह जरूर है कि बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग को कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा अपेक्षाकत अधिक होता है। लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कम उम्र के लोग कोरोना वायरस की चपेट में नहीं आ सकते। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी उम्र के लोगों को कोरोना वायरस से सावधान रहने की सलाह दी है।



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