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दिल्ली में Corona Patient का हुआ सफल लंग ट्रांसप्लांट, उत्तर भारत में पहला मामला

नई दिल्ली। देशभर में लगातार कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) का खतरा बढ़ रहा है। कोरोना से संक्रमित मरीजों में सबसे ज्यादा खतरा होता है फेफड़ों के संक्रमण का। ज्यादा मरीजों की मौत लंग इंफेक्शन के चलते ही हो रही है। हालांकि इस बीच एक अच्छी खबर ने बड़ी राहत दी है। दरअसल राजधानी दिल्ली में उत्तर भारत का पहला लंग ट्रांसप्लांट ( Lung Transplant ) का मामला सामने आया है। ये पहला इसलिए क्योंकि कोविड मरीज के फेफड़ों का प्रत्यारोपण किया गया है।

31 वर्षीय एक शख्स का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में 10 घंटे चली सर्जरी के दौरान सफल लंग ट्रांसफर किया गया है। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक उत्तर भारत में कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद पहली बार किसी व्यक्ति का ऐसा ऑपरेशन हुआ है।

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जयपुर की महिला के फेफड़ों से मिली नई जिंदगी
उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले एक शख्स को कुछ महीने पहले कोरोना संक्रमण हो गया था। इस संक्रमण के चलते उनके फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचा था। ऐसे में जयपुर की 42वर्षीय महिला के निधन के बाद उनके अंग प्रत्यारोपण के चलते उनके फेफड़ों को इस शख्स में सफलता पूर्वक प्रत्यारोपित किया गया। जयपुर की इस महिला की हाल में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।

18 मिनट में कवर हुई 18.3 किमी दूरी
लंग ट्रांसप्लांट के लिए जयपुर से फेफड़ों को दिल्ली लाया जाना था। लिहाजा जयपुर में अस्पताल और हवाई अड्डे के बीच और फिर आईजीआई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और अस्पताल के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। 18.3 किमी की दूरी को 18 मिनट में कवर किया गया।

10 घंटे तक 10 डॉक्टरों की टीम
डॉक्टरों के मुताबिक जिस शख्स का ऑपरेशन किया गया वो कोरोना वायरस से संक्रमित के बाद फाइब्रोसिस से संक्रमित हो गया था। फाइब्रोसिस फेफड़ों में गंभीर चोट के चलते होने वाली बीमारी है। ऐसे में लंग ट्रांसप्लांट ही इसका उपाय था। 10 डॉक्टरों की टीम ने 10 घंटे चले ऑपरेशन में सफलतापूर्वक फेफड़ों को प्रत्यारोपित किया।

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मुश्किल होता है लंग ट्रांसप्लांट
आमतौर पर ऑर्गन ट्रांस्प्लांट में सबसे मुश्किल फेफड़ों का प्रत्यारोपण होता है। डॉ.राहुल चंदेला के मुताबिक ज्यादातर डोनर्स रोड एक्सीडेंट के शिकार होते हैं। ऐसे में दुर्घटना के दौरान उन्हें उल्टी होती है, ऐसे में फेफड़ों पर असर पड़ता है और इनके ट्रांस्प्लांट में दिक्कत होती है।



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