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किसानों ने खारिज किया सरकार का लिखित प्रस्ताव, विपक्षी दलों के नेता राष्ट्रपति से मिले

नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह और किसान नेताओं के बीच मंगलवार रात को हुई बैठक विफल होने के बाद सरकार और किसान यूनियनों के बीच आज होने जा रही बैठक अब नहीं होगी।

सरकार ने किसानों को कृषि कानून में संशोधन का लिखित प्रस्ताव दिया है। इस पर किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर बैठक की। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को नहीं माना है। उन्होंने कृषि कानूनों की वापसी की मांग की है। किसान नेताओं ने प्रेस वार्ता कर कहा कि जब तक तीनों बिल वापस नहीं होते हैं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा कि हमने सरकार का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल का कहना है कि जो सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया है, वह हमें मंजूर नहीं है। इसे हम पूरी तरह से रद्द करते हैं।

इसके साथ अन्य नेताओं ने भी मीडिया से बात कर प्रमुख बातें सामने रखीं। उनका कहना है कि
14 दिसंबर को पूरे देश में धरना-प्रदर्शन करेंगे। 12 तारीख को पूरे देश में टोल प्लाजा फ्री करेंगे।
14 दिसंबर के बाद से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन जारी रहेगा। जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाते। कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंचे हैं।



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