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AMU के शताब्दी समारोह में बोले PM Modi- यहां पर दिखता है मिनी इंडिया, इस शक्ति को कमजोर ना पड़ने दें

नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ( AMU ) के शताब्दी वर्ष समारोह को कुछ देर में बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) हिस्सा लिया हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी इस समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने सबसे पहले एएमयू के 100 वर्ष पूरे होने पर एक डाक टिकट जारी किया। इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- एएमयू एक मिनि इंडिया की तरह नजर आता है। यहां उर्दू के साथ संस्कृत भी पढ़ाई जाती है। ये विविधता देश की ताकत के रूप में दर्शाता है। हमें ना तो इस शक्ति को भूलना है और ना ही इसे कमजोर पड़ने देना है।

पीएम मोदी ने कहा- बीते 100 वर्षों में एएमयू ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। मौजूदा समय में 1000 विदेशी स्टूडेंट एएमयू में पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में एएमयू की जिम्मेदारी है वो हमारे देश की ताकत और अच्छाई को लेकर ये छात्र अपने-अपने देशों में जाएं।

बढ़ाएं अपनी भागीदारी
पीएम मोदी ने कहा कि एएमयू के छात्र देश के विकास में अपनी भागीदारी बढ़ाएं। 100 वर्ष पूरे होने पर एएमयू के हॉस्टल के छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के काम को दुनिया के सामने लाएं। इन महापुरुषों की जन्मभूमि जाएं, परिवार से मिलें। 75 हॉस्टलर्स एक फ्रीडम फाइटर्स पर डॉक्टूमेंट्री तैयार करें। एएमयू के पास बेशकीमती पांडुलिपियां हैं, जिसे तकनीकी के माध्यम से इन्हें वर्चुअल अवतार में सामने लाएं।

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पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
- पीएम ने कहा- सर सैयद द्वारा की ओर से कही गई एक बात याद दिलाना चाहूंगा, अपने देश की चिंता करने वाले का पहला कर्तव्य है कि समाज के लिए काम करे। जैसे मानव जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर के हर अंग का स्वस्थ्य रहना जरूरी है वैसे ही देश की समृद्धि के लिए हर क्षेत्र का विकास जरूरी है।

- एमएमयू पर दोहरी जिम्मेदारी, अपने रिस्पेक्ट बढ़ाने और रिस्पॉन्सिबिलिटी बढ़ाने की।

- एक समय था मुस्लिम समाज में बेटियों का ड्रॉप आउट 70 फीसदी था। 70 वर्षों में देश में ऐसे हालात थे, इन स्थितियों के बीच हमारी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में जबरदस्त विकास किया। अब ड्रॉप आउट 30 फीसदी रह गया है। शौचालय की कमी के चलते बेटियां पढ़ाई छोड़ देती थीं, लेकिन स्वच्छता अभियान और शौचालय के बाद ये ड्रॉप आउट सुधरा है।

- एएमयू में फीमेल स्टूडेंट्स की संख्या बढ़कर 35 फीसदी हो गई है जो अच्छे संकेत हैं।

- कोरोना संकट के दौरान एएमयू से जुड़े लोगों ने जिस तरह समाज की सेवा की वो सराहनीय है। पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान आपकी समाज के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।

- ऐसे ही संगठित प्रयासों से भारत वैश्विक महामारी का सफलतापूर्वक सामना कर रहा है।

- एएमयू की ये पहचान उसके वो मूल्य रहे हैं जिस पर सर सैयद अहमद द्वारा इस संस्थान की शुरुआत की गई है। 100 वर्षों में एएमयू के जरिए देश की सेवा करने वाले प्रोफेसर और टीचर का अभिनंदन करता हूं।

- एएमयू अपने आप में एक शहर की तरह है।

- हमारे देश का युवा नेशन फर्स्ट की थीम पर आगे बढ़ रहा है। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में मल्टिपल एग्जिट की सुविधा उन्हें सुदृढ़ बढ़ाएगी।

- सरकार हायर एजुकेशन में नंबर ऑफ एनरॉलमेंट बढ़ाने पर भी काम कर रही है। 2014 में देश में 16 आईआईटी थी अब 23 हैं। वहीं 9 ट्रिपल आईटी थी जो अब 25 हैं। 13 आईआईएम थे जो अब 20 तक पहुंच चुके हैं।

- 6 वर्ष पहले तक देश में 7 एम्स थे अब 22 एम्स हैं।

- पीएम मोदी ने कहा- अपने 100 वर्षों के इतिहास में लाखों जीवन को तराशा और संवारा है। एक आधुनिक और वैज्ञानिक सोच दी है। देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा जगाई है।

- तमाम विभागों की बिल्डिंग को खूबसूरती से सजाया गया है। ये सिर्फ बिल्डिंग नहीं इनके साथ शिक्षा का जो इतिहास जुड़ा है वो गौरव से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुझे विदेश यात्रा के दौरान एएमयू के कई एल्युमिनाई मिलते हैं और गर्व से बताते हैं मैं यहां से पढ़ा हूं। यहां स्टूडेंट अपने साथ हंसी मजाक और शेरो शायरी का अलग अंदाज लेकर आते हैं।

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खास बात यह है कि यह 56 वर्ष बाद देश के प्रधानमंत्री ने एमएमयू के कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस समारोह में शामिल हुए। आपको बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अपने 100 साल पूरे कर रही है। दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों से एएमयू के पूर्व छात्र भी इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया।

दरअसल इससे पहले साल 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एएमयू (AMU) गए थे। इस दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने एएमयू के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय (एएमयू) के आधिकारिक बयान के अनुसार इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया जाएगा।



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