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Patrika Explainer: भारत में कैसे होगा कोरोना का टीकाकरण, जानें किसको पहले और निशुल्क दी जाएगी वैक्सीन?

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ( coronavirus in India ) का संक्रमण तेजी के साथ फैलता जा रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो भारत में जल्द ही कोरोना वायरस ( Coronavirus Case in India ) के मरीजों की संख्या एक करोड़ के पार निकल जाएगी। ऐसे में देशवासियों को कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) का बेसब्री से इंतजार है। हालांकि भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि अगले साल फरवरी तक देश में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होगी। इस बीच सरकार ने भले ही कोविड वैक्सीन आने की तारीख बता दी हो, लेकिन अभी भी लोगों के जहन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार 1.35 करोड़ देशवासियों के बीच टीके का वितरण किस प्रकार करेगी? किन लोगों को यह वैक्सीन सबसे पहले दी जाएगी? किसको वैक्सीन फ्री मिलेगी और किसको इसके लिए शुल्क देना होगा?

एक अंग्रेजी समाचार पत्र के साथ बातचीत में भारत के प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, प्रो. केके श्रीनाथ रेड्डी ने दिए ये जवाब—

1. सबसे पहले किनको दी जाएगी वैक्सीन?

सबसे पहले कोरोना वैक्सीन आवश्यक्ता के आधार पर वितरित की जाएगी। जैसे कि जिन लोगों पर कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा लगातार बना हुआ है। इन लोगों में हमारे कोरोना वॉरियर्स हो सकते हैं। इनमें हॉस्पिटल्स में कोराना संक्रमितों का इलाज के कर रहे डॉक्टर्स और हेल्थ स्टॉफ, पुलिस बल, आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग आदि शामिल हैं।

दूसरा कि जैसे जिन लोगों को कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा बना हुआ है। इमनें बुजुर्ग लोग, ऐसे लोग जो दिल की बीमारी, रक्तचाप, मधुमेह, फेंफड़ों से जुड़ी किसी ऐसी बीमारी से ग्रसित जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता लगभग खत्म हो जाती है। ऐसे लोगों को कोरोना वैक्सीन देने का प्राथमिक आधार माना जा सकता है। इसके साथ ही पहले चरण में कोरोना वैक्सीन उन लोगों को भी दी जा सकती है, जो परिवार के जिम्मेदार लोग हैं या परिवार का वह शख्स जो रोजी रोटी कमाने के लिए बाहर निकलता है। हालांकि यह काफी हद तक कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता पर भी निर्भर करेगा।

2- भारत इतनी विशाल जनसंख्या के टीकाकरण (Vaccination ) अभियान के लिए कितना तैयार है?

यह भी काफी हद तक वैक्सीन की मात्रा पर ही उपलब्ध है। इसके बाद सप्लाई चेन भी इसमें एक बड़ी भूमिका निभाएगी। देखना होगा कि वैक्सीन कितने तापमान पर सुरक्षित रखी जा सकती है। इसके साथ ही वैक्सीन के रखरखाव और प्रबंधन का भी महत्वपूर्ण रोल रहेगा। बड़े स्तर पर टीकाकरण ( Vaccination ) के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को एक बेहतर तालमेल बैठाना होगा। हालांकि इससे पहले भी भारत ऐसी कई महामारियों को झेल चुका है, जिसके टीकाकरण के लिए मास लेवल पर अभियान चलाए जा चुके हैं। इसलिए भारत को कोरोना वैक्सीन के देशव्यापी वितरण में कोई बड़ी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि इसके लिए कुछ वैक्सीनेटर को ट्रेनिंग देने आदि की व्यवस्था करनी होगी। जिसके लिए मेडिकल छात्र, नर्सिंग स्टॉफ और स्टूडेंट, युवा साइंस स्टूडेंंटस आदि को टीकाकरण ( Vaccination ) अभियान का हिस्सा बनाया जा सकता है।

3- टीकाकरण ( Vaccination ) अभियान के लिए भूगोलिक रणनीति क्या होगी?

कोरोना वायरस जिस तरह से देश में अपने पैर जमा चुका है। इस हिसाब से जरूरतमंद और जोखिम वाले लोग हर जगह हैं। ऐसे में राज्यवार टीकाकरण ( Vaccination ) सही रणनीति नहीं होगी। ऐसे में सबसे सही रास्ता यह होगा कि टीकाकरण के लिए पहले घनी आबादी या भीड़भाड़ वाले शहरों को चुना जाए। जहां पर वायू प्रदूषण अधिक है, औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास बसे लोग या उनकी बस्तियां। ऐसी जगहों पर शायद टीकाकरण की सबसे पहले जरूरत होगी। इसके साथ ही ज्यादा हॉटस्पॉट क्षेत्र वाले शहर या फिर वो शहर जहां पर कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

4- कोरोना वैक्सीन किसको निशुल्क दी जाएगी?

कोरोना का वायरस जिस तेजी से बढ़ रहा है, उस हिसाब से तो कोविड वैक्सीन को सभी के लिए निशुल्क होना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति कोरोना वैक्सीन का शुल्क वहन नहीं कर सकता और किसी तरह से संक्रमित हो जाता है, तो वह ऐसे न जाने कितने और लोगों को संक्रमित कर सकता है जो या तो अतिसंवेदनशील हैं या फिर कोरोना वैक्सीन दिए जाने के क्रम में अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। फिर चाहे कोरोना वैक्सीन के लिए सरकार भुगतान कर रही हो, लेकिन कोरोना वैक्सीन प्रत्येक के लिए निशुल्क उपलब्ध होनी चाहिए। हालांकि एक स्टेज पर आकर प्राइवेट हेल्थ सेक्टर और सरकार से जुड़ी अन्य संस्थाएं भी टीकाकरण ( Vaccination ) अभियान से जुड़ेंगी। लेकिन इस बीच यह सुनिश्चित कराना होगा कि लोगों को वैक्सीन के खर्च के भार से बचाया जाए।

5- देश भर में टीकाकरण ( Vaccination ) के लिए कितने चरणों की जरूरत होगी?

शुरुआत में टीकाकरण ( Vaccination ) कितने चरणों में होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वैक्सीन की मात्रा कितनी उपलब्ध है। क्योंकि कोरोना वैक्सीन की ग्लोबल डिमांड बहुत ज्यादा है और डिमांड के हिसाब से शायद उपलब्धता कम हो। इसलिए शुरुआत में हो सकता है कि वैक्सीनेशन के लिए कोई खास रणनीति बनानी पड़े, जिसमें जरूरतमंद लोगों तक ही वैक्सीन पहुंचाई जाए। हालांकि इसके बाद में भारत को व्यापाक स्तर पर टीकाकरण ( Vaccination ) अभियान चलाने की जरूरत होगी। क्योंकि एक तो उस समय तो अंडर ट्रायल स्वदेशी वैक्सीन को भी सरकार ओर रेग्यूलेटरीज का अप्रूवल मिल चुका होगा और दूसरा वाहर से आने वाली वैक्सीन निर्माताओं की उत्पादन क्षमता भी बढ़ चुकी होगी। इसके साथ ही लोगों में वैक्सीन को लेकर विश्वास बढऩे पर घरेलु डिमांड में भी इजाफा देखने को मिलेगा। इस स्टेज पर आकर भारत को व्यापक वैक्सीनेशन अभियान की जरूरत होगी।

6- इतनी बड़ी जनसंख्या के टीकाकरण ( Vaccination ) के लिए सरकार की क्या रणनीति है?

अभी तक हमें यह नहीं पता कि भारत में कौन सी कोरोना वैक्सीन के साथ टीकाकरण ( Vaccination ) की शुरुआत होगी? हमें यह भी नहीं पता कि क्या सरकार ने कोरोना वैक्सीन की खरीद का कोई एडवांस परचेज एग्रीमेंट किया है या नहीं? इसके साथ ही अगर बाजार में बहुत सारी वैक्सीन उपलब्ध हैं तो हमें कौन सी वैक्सीन लेने को कहा जाएगा? अभी ऐसे कई सवाल है, जिसके जवाब हमारे पास नहीं हैं। सरकार की ओर से अभी तक आम जनता के वैक्सीनेशन के लिए अपनी रणनीति का भी खुलासा नहीं किया है। अलग-अलग राज्यों की क्या डिमांड है और उसको कैसे पूरा किया जाएगा? अभी तक इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। क्या राज्य वैक्सीन निर्माताओं से सीधे वैक्सीन खरीद सकेंगे? या फिर यह केंद्र सरकार के माध्यम से होगा? अभी तक इसका भी पता नहीं चल पाया है। क्या भारतीय आबादी के किसी हिस्से को कोरोना वैक्सीन की कीमत अदा करनी होगी? अगर ऐसा है तो इसकी कीमत क्या होगी? वैक्सीन का सरकारी रेट और प्राइवेट हेल्थ सेक्टर द्वारा दी जानी वैक्सीन का रेट क्या होगा? इसकी भी अभी तक कोई खबर नहीं है।



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