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जीएसटी कलेक्शन से लेकर निर्यात तक सभी में सुधार, इकोनॉमी में आएगी बहार!

नई दिल्ली। जब से अक्टूबर का महीना शुरू हुआ है और सितंबर महीने के मैन्युफैक्चरिंग से लेकर जीएसटी कलेक्शन, निर्यात से लेकर ऑटो सेक्टर में बिक्री और 2 अक्टूबर को गिरी हुई बेरोजगारी के आंकड़े आए हैं, तब सरकार की आंखों में चमक बढ़ गई है। केंद्रीय मंत्री इस इकोनॉकी में रिकवरी के संकेत की ओर लेकर जा रहा है। सवाल यह है कि सितंबर में आए में आंकड़े वाकई इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत हैं या फिर कुछ और। वो भी तब जब पहली तिमाही में देश की जीडीपी 23 फीसदी तक गिर गई। वैसे जानकार इसे अच्छे संकेत मानकर चल रहे हैं। उनका कहना है कि सितंबर तिमाही के जीडीपी के आंकड़े काफी अच्छे होंगे। कुछ जानकार आने वाले दिनों में देश इकोनॉमी के और खराब होने की ओर भी संकेत कर रहे हैं। वैसे देश में नए कोरोना केसों के आंकड़ों का गिरना शुरू हुआ हो गया है। आइए उन सेक्टर्स की बात करते हैं कि जिनमें बीते तीन दिनों में आंकड़े हैं और इकोनॉमी में सुधार के संकेत की ओर इशारा कर रहे हैं।

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1. छह महीनों में सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन

gst collection

एक अक्टूबर को वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन के डाटा आए थे। सितंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 95,480 करोड़ रुपए रहा। सितंबर के जीएसटी संग्रह में पिछले महीने अगस्त के संग्रह से काफी वृद्धि देखने को मिली है। अगस्त में सकल जीएसटी संग्रह 86,449 करोड़ रुपए रहा। जबकि अप्रैल, मई, जून और जुलाई में भी जीएसटी कलेक्शन में ज्यादा तेजी देखने को नहीं मिली थी। जानकारों की मानें तो अक्टूबर और नवंबर में फेस्टिव सीजन होने और अनलॉक 5 के तहत कारोबार शुरू होने के कारण इसके एक लाख करोड़ या उससे ज्यादा तक पहुंचने की उम्मीद है।

2. ऑटो सेल्स में आई तेजी

auto sales

वहीं सितंबर के महीने में कारों की सेल्स में तेजी देखने को मिली है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो मारुति सुजुकि की सेल्स में पिछले साल के मुकाबले सितंबर महीने में 30 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। हुंडई की सेल में यह आंकड़ करीब 4 फीसदी की बढ़त का है। बजाज ऑटो 10 फीसदी की बढ़ा है। टीवीएस मोटर्स की सेल्स में पिछले साल के मुकाबले इस सितंबर में 14 फीसदी की बढ़त आई है। वहीं हीरो मोटोकॉर्प में यह बढ़त करीब 17 फीसदी की देखने को मिली है। आने वाले दो महीने फेस्टिव सीजन के हैं। जिसमें कंपनियां बंपर डिस्काउंट भी देंगी ऐसे में यह आंकड़ा और भी बढऩे के आसार हैं।

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3. 8.5 साल के उच्चतम स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर

manufacturing sector

देश के विनिर्माण क्षेत्र में सितंबर में करीब 8.5 साल की सबसे बड़ी तेजी रही और इसका आईएचएस मार्किट खरीद प्रबंधक सूचकांक यानी पीएमआई बढ़कर 56.8 पर पहुंच गया। गुरुवार को जारी हुई रिपोर्ट के अनुसार अनलॉक के दौरान आर्थिक गतिविधियों की छूट बढऩे से कारखानों में पूरी क्षमता से उत्पादन हुआ। घरेलू स्तर पर और विदेशों से भी नए ऑर्डर में तेजी आने से विनिर्माण गतिविधियों में माह-दर-माह आधार पर जनवरी 2012 के बाद की सबसे बड़ी तेजी देखी गई। विनिर्माण पीएमआई अगस्त में 52 दर्ज किया गया था जो सितंबर में बढ़कर 56.8 पर रहा।

4. निर्यात के आंकड़ों में भी आया उछाल

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देश का निर्यात छह महीने की गिरावट के बाद सितंबर महीने में सालाना आधार पर 5.27 फीसदी बढ़कर 27.4 अरब डॉलर आ गया। देश ने पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान निर्यात किए गए 26.02 अरब डॉलर की तुलना में इस वर्ष की अवधि में 27.40 अरब डॉलर का माल बाहर भेजा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, सितंबर 2020 के दौरान सितंबर 2019 की अपेक्षा सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है। इसमें सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करने वाले शीर्ष पांच क्षेत्रों में अनाज, लौह अयस्क, चावल, तिलहन और कालीन शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वल्र्ड: भारत का निर्यात सितंबर 2020 में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 5.27 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में इस बात का भी जिक्र किया कि देश की इकोनॉमी में तेजी से इजाफा हो रहा है और प्री कोविड लेवल को पार कर गई है।

5. बेरोजगारी में गिरावट

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किसी भी देश की इकोनॉमी में संभालने में रोजगार दर एक अहम स्तंभ होता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि लॉकडाउन की वजह से देश में करोड़ों लोगों की नौकरी गई है। वैसे शनिवार को जो सरकारी आंकड़े सामने आए हैं वो काफी सुकून दे रहे हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने में बेरोजगारी दर गिरकर 6.67 फीसदी पर आ गई है, जोकि अगस्त के महीने में 8.35 फीसदी थी। इस दौरान शहरी बेरोजगारी दर अगस्‍त के महीने में 9.83 फीसदी के मुकाबले घटकर 8.45 फीसदी पर आ गई हैै। वहीं सीएमआईई का कहना है कि इन आंकड़ों को देखकर ज्यादा खुश होने की जरुरत नहीं है। आपको बता दें कि अप्रैल 2020 में बेरोजगारी दर 23.52 फीसदी और मई में 21.7 फीसदी पर आ गई थी। इसी दौरान शहरी बेरोजगारी दर अप्रैल में 25 फीसदी और मई में 23.14 फीसदी दर्ज की गई थी।



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