Header Ads

Shardiya Navratri 2020 : इस बार पितृपक्ष की समाप्ति के एक महीने बाद आएगी नवरात्रि, देरी से शुरु होंगे ये प्रमुख पर्व

इस साल अधिकमास के चलते कई त्यौहार देरी से आएंगे। इसी के चलते इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पितृपक्ष समाप्ति के अगले दिन नहीं, बल्कि उससे एक महीने बाद शारदीय नवरात्र शुरू होंगे। जिसके चलते नवरात्रि 25 दिन के लिए आगे जा रही है। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार चूंकि इस बार श्राद्ध खत्म होते ही अधिकमास लग जाएगा, इस कारण इसके बाद आने वाले त्यौहारों में देरी होगी।

मान्यता के अनुसार अधिक मास में दान, पुण्य पूजा विशेष रूप से किए जाते है,अधिक मास मे किए गए पुण्य कार्यो का खास महत्व होता है। आपको बता दें कि ऐसा कई दशकों बाद हो रहा है जब श्राद्ध से एक महीने बाद होगी नवरात्रि पूजा शुरू होगी।

जैसा की आप जानते हैं श्राद्ध खत्म होते ही अगले दिन से नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि होती है और कलश स्थापना की जाती है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं हो रहा है। इस बार श्राद्ध समाप्त होते ही अधिकमास लग जाएगा, जिसके चलते नवरात्रि 20-25 दिन आगे खिसक जाएंगी। इस साल दो अश्विनमास हैं। ऐसा अधिकमास होने के कारण हो रहा है। इसलिए इस बार चातुर्मास जो हमेशा चार महीने का होता है, पांच महीने का होगा।

कई दशकों बाद लीप इयर और अधिक मास एक साथ -
कुछ जानकारों के अनुसार करीब 160 साल बाद लीप ईयर और अधिकमास दोनों ही एक साल में हो रहे हैं। चतुर्मास लगने से विवाह, मुंडन, कर्ण छेदन जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इस काल में पूजन पाठ व्रत उपवास और साधना का विशेष महत्व होता है। इस दौरान देव सो जाते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद ही देव जागते हैं।

17 अक्टूबर से शुरू होंगे नवरात्र -
इस साल 17 सितंबर 2020 को श्राद्ध खत्म होंगे। इसके अगले दिन अधिकमास शुरू हो जाएगा, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। इसके बाद 17 अक्टूबर से नवरात्रि व्रत रखें जाएंगे। इसके बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी होगी। जिसके साथ ही चातुर्मास समाप्त होंगे। इसके बाद ही शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि शुरू होंगे।

विष्णु भगवान के निद्रा में जाने से इस काल को देवशयन काल माना गया है। चतुर्मास में मनीषियों ने एक ही स्थान पर गुरु यानी ईश्वर की पूजा करने को महत्व दिया है। इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु चार माह के लिए क्षीरसागर में योग निद्रा पर निवास करते हैं। इस दौरान ब्रह्मांड की सकारात्मक शक्तियों को बल पहुंचाने के लिए व्रत पूजन और अनुष्ठान का भारतीय संस्कृत में अत्याधिक महत्व है। सनातन धर्म में सबसे ज्यादा त्यौहार और उल्लास का समय भी यही है। चतुर्मास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा होती है।

ऐसे समझें : क्यों हो रही ये देरी...
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार वर्ष 2019 (यानि संवत 2076) में 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के अगले दिन से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई थी। जबकि इस बार वर्ष 2020 (यानि संवत 2077) में 2 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहे हैं, जिसकी अवधि 17 सितंबर तक रहेगी। पितृपक्ष की समाप्ति पर अधिकमास लग जाएगा। यह 28 दिन का होता है। इस अंतराल में कोई त्योहार नहीं मनाया जाता। इसलिए आमजन को पूरे एक महीने इंतजार करना पड़ेगा।

नवरात्र के देरी से आने के कारण इस बार दीपावली 14 नवंबर को रहेगी, जबकि यह पिछले साल 27 अक्टूबर को थी। अधिकमास होने के कारण 22 अगस्त को गणेशोत्सव के बाद जितने भी बड़े त्योहार हैं, वे पिछले साल की तुलना में 10 से 15 दिन देरी से आएंगे।

पंडित शर्मा के अनुसार अश्विन माह तीन सितंबर से प्रारंभ होकर 29 अक्टूबर तक रहेगा। इस बीच की अवधि वाली तिथि में 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक का समय अधिक मास वाला रहेगा। इस कारण 17 सितंबर को पितृमोक्ष अमावस्या के बाद अगले दिन 18 सितंबर से नवरात्र प्रारंभ नहीं होंगे। बल्कि नवरात्र का शुभारंभ 17 अक्टूबर को होगा। देवउठनी एकादशी 25 नवंबर को है। माह के अंत में देवउठनी एकादशी के होने से नवंबर व दिसंबर दोनों ही महीनों में विवाह मुहूर्त की कमी रहेगी, क्योंकि 16 दिसंबर से एक माह के लिए खरमास शुरू हो जाएगा। दरअसल इस वर्ष दो अश्विन माह होने से यह वर्ष विक्रम संवत्सर 2077 (यानि अंग्रेजी वर्ष 2020) 13 माह का रहेगा।

19 साल बाद फिर बना ये योग
पंडित शर्मा के अनुसार दो आश्विन मास वाला अधिकमास का योग 19 साल बाद आ रहा है। इसके पूर्व वर्ष 2001 में आश्विन में अधिकमास का योग बना था। इस वर्ष 2020 में आश्विन मास अधिकमास होगा, इसलिए दो आश्विन रहेंगे। अधिकमास 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्तूबर तक चलेगा।

इसके कारण व्रत-पर्वों में 15 दिन का अंतर आ रहा है। यानी जनवरी से अगस्त तक आने वाले त्योहार करीब 10 दिन पहले और सितंबर से दिसंबर तक होने वाले त्योहार 10 से 15 दिन की देरी से आएंगे।

इस वर्ष त्योहारों में देरी : ऐसे समझें तिथियों में अंतर...  
वर्ष 2019 : वर्ष 2020
12 सितंबर अनंत चतुर्दशी : 1 सितंबर अनंत चतुर्दशी
14 सितंबर से 28 सितंबर श्राद्ध पक्ष : 2 सितंबर से 17 सितंबर तक श्राद्ध पक्ष
29 सितंबर से नवरात्र : 17 अक्टूबर नवरात्र
8 अक्टूबर दशहरा : 25 अक्टूबर दशहरा
27 अक्टूबर दीपावली : 14 नवंबर
8 नवंबर देवउठनी : 25 नवंबर, 2020,बुधवार


from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.