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कोरोना के डर से कैंसल करा रहे हैं ट्रेन की टिकट तो जान लें 4 जरूरी नियम

नई दिल्ली। इन दिनों देश में कोरोना (Coronavirus) का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। अनलॉक 1.0 (Unlock 1.0) के बाद से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए यातायात के साधन समेत दूसरी चीजें खोल दी गई हैं। इससे संक्रमण का खतरा ज्यादा हो गया है। इसी के डर से कई लोग ट्रेन (Train Ticket Cancellation) के सफर से बच रहे हैं। मगर कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने पहले से टिकट की बुकिंग करा ली है, लेकिन अब वे इसे कैंसल करा रहे हैं। अगर आप भी इन्हीं में से एक हैं और टिकट कैंसल करवा रहे हैं तो आपके लिए कुछ बातें जानना बेहद जरूरी है।

48 घंटे पहले कैंसलेशन की प्रक्रिया
अगर आप ऐन वक्त पर टिकट कैंसल करा रहे हैं तो आप सफर से 48 घंटे पहले इसे कैंसल कर सकते हैंं। चार्ट बनने से पहले तक ग्राहक को टिकट कैंसल कराने की छूट मिलती है। ऐसे में स्लीपर क्लास के टिकट पर प्रति पैसेंजर 120 रुपए चार्ज कटता है।

दूसरी श्रेणी में लगने वाले चार्ज
एसी थर्ड टियर का टिकट कैंसल करान पर यह चार्ज 180 रुपए होता है। जबकि एसी सेकेंड टियर में प्रति पैसेंजर 200 रुपए चार्ज लगते हैं और एसी फर्स्ट क्लास का टिकट कैंसल कराने पर 240 रुपए का कैंसलेशन चार्ज लगता है।

चार्ट बनने के बीच टिकट कैंसल कराना पड़ेगा महंगा
अगर कोई पैसेंजर 12 घंटे पहले टिकट कैंसल कराता है तो उसे किराए का 25 फीसदी भाग रेलवे चार्ज के रुपए में देना पड़ेगा। रेलवे के नियम के अनुसार 12 घंटे से लेकर चार्ट बनने की प्रक्रिया के दौरान अगर आप टिकट कैंसल करते हैं तो आपको किराए का 50 फीसदी तक कैंसलेशन चार्ज देना पड़ेगा।

कंफर्म तत्काल टिकट पर नहीं मिलेगा रिफंड
अगर आप कंफर्म तत्काल टिकट (Confirm Tatkal Ticket) को कैंसिल कराते हैं तो रेलवे की ओर से आपको कोई रिफंड नहीं मिलेगा। वहीं अगर टिकट चार्ट बनने पर किसी को RAC में है तो आपको रिफंड मिल सकता है। इसके लिए आपको ट्रेन चलने के निर्धारित समय के बाद आधे घंटे के भीतर टीडीआर फाइल करना होगा। RAC और वेटिंग टिकट को कैंसल करने पर रेलवे 60 रुपए+ जीएसटी लेता है।



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