सैटेलाइट तस्वीरों से बड़ा खुलासा, LAC पर चीन ने बनाया रक्षा कवच और तैनात किए तोपखाने

नई दिल्ली। एक तरफ तो पूर्वी लद्दाख ( Ladakh ) में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर सैन्य तनाव ( Indo-China border dispute ) को कम करने के लिए दिल्ली ( Delhi ) और बीजिंग राजनयिकों के स्तर पर अपने काम कर रहे हैं, वहीं LAC पर गलवां घाटी केे सामने इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि चीन ( China Border ) की ओर से यहां तोपखाना ( artillary ) और कई मैकेनिकल चीजें तैनात की गई हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सैटेलाइट तस्वीरों ( Satellite ) से चीन की तरफ लाए गए तोपखाने और काफी मशीनों की तैनाती दिखाई दे रही है, जिससे भारतीय सेना उनकी मारक क्षमता के भीतर आ गई है। सैटेलाइट तस्वीरों में कम से कम 16 टैंकों की मौजूदगी के साथ पैदल सेना के लड़ाकू वाहन शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक इनमें फ्लैटबेड ट्रक, खुदाई मशीनें, डंपर ट्रक की भी पहचान की गई है, जो यह साबित करते हैं कि इलाके में चीन द्वारा स्थायी सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की जा रही है।
सूत्रों ने बताया, "बंकरों, जमीन पर सैनिकों और मशीन गन की तैनाती को भी देखा जा सकता है, जो यह भी दिखा रहा है कि चीन ना केवल आक्रमण बल्कि सुरक्षा के लिए भी पूरी तैयारी कर चुका है।" वहीं, भारत की ओर से भी माकूल जवाब देने के लिए और चीन को किसी भी तरह का फायदा मिलने से रोकने के लिए पुख्ता तैयारी की गई है।
उन्होंने कहा, हमारे सशस्त्र बलों ने नेताओं के बीच बनी सहमति और सीमा प्रबंधन में उनके द्वारा दिए गए दिशानिर्देश का गंभीरता के साथ पालन किया है। भारत, चीन के साथ सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। 1993 के बाद से भारत और चीन ने सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए कई द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके साथ ही दोनों देशों के बीच 1996 में एलएसी के साथ सैन्य क्षेत्र में विश्वास निर्माण उपायों पर समझौता; 2005 में एलएसी के साथ सैन्य क्षेत्र में विश्वास निर्माण उपायों के कार्यान्वयन के लिए तौर-तरीकों पर प्रोटोकॉल; 2012 में भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए एक कार्य प्रणाली की स्थापना पर समझौता और 2013 में सीमा रक्षा सहयोग समझौता भी हुआ है।
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उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर ऐसे तंत्र स्थापित किए हैं, जिनसे सीमावर्ती क्षेत्रों में बातचीत के माध्यम से शांति बहाल हो सकती है। उन्होंने कहा कि साथ ही भारत देश की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने संकल्प को लेकर दृढ़ है।
भारतीय सेना ने चीनी घुसपैठ पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन एक बयान में उन खबरों का खंडन किया गया है जिसमें कहा गया था कि पिछले सप्ताह एक भारतीय गश्ती दल को चीनी सैनिकों ने हिरासत में लिया था।
वहीं, बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा क्षेत्र की स्थिति समग्र रूप से स्थिर और नियंत्रण में है। भारतीय सेना अभी भी पूर्वी लद्दाख में चीनियों द्वारा किसी भी कदम उठाए जाने के संकेत का इंतजार कर रही है। गुरुवार दोपहर को एक अधिकारी ने बताया कि अगले 72 घंटे महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान चीन की ओर से उसके सैनिकों और सैन्य उपकरणों में कमी लाए जाने को देखना है। अभी तक उनकी तैनाती में कोई बदलाव नहीं हुआ है। भारतीय पक्ष हाई अलर्ट पर भी है और कुछ भी नहीं बदला है।
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