इस शिवरात्रि पर जरुर करें इस शिवलिंग की पूजा, मिलेंगे चमत्कारी लाभ, जानें कैसे

भगवान शिव की पूजा कई प्रकार से की जाती है। कभी शिवलिंग को स्वयं बनाकर तो कभी मंदिर में मौजूद शिवलिंग या फिर रेत से बने शिवलिंग की पूजा। इस सभी पूजा में भगवान शिव की पूजा बिधि-विधान से की जाती है लेकिन क्या आपको पता है पत्थर में पारद पत्थर का विशेष महत्व माना जाता है। वेदों और पुराणों में पारद शिवलिंग का बहुत अधिक महत्व माना जाता है।
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पारद पत्थर दरअसर, चांदी और पारे को मिलाकर बनाया जाता है। पारद पत्थर पूजापाठ के कार्यों में सबसे शुभ माना जाता है। इसलिये किसी विशेष दिन शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व है। शिवरात्रि के दिन अगर पारद शिवलिंग की पूजा की जाए तो यह बहुत ज्यादा महत्व रखता है। तो आइए जानते हैं पारद शिवलिंग का महत्व

शिव का अंश है पारद शिवलिंग
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पारद पत्थर भगवान शिव के अंश से ही हुई है। ब्रह्म पुराण में बताया गया है कि जो भक्त पारद निर्मित भगवान की प्रतिमा की पूजा-आराधना करते हैं, अंतिम समय में उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिव पुराण में बताया गया है कि जो लोग अपने घर में पारद शिवलिंग की पूजा करते हैं उनके घर में माता लक्ष्मी, भगवान शिव और कुबेर देवता का स्थायी वास होता है।

लंबी आयु का मिलता है आशीर्वाद
पारद शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति को लंबी आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है साथ ही उसे शारीरिक रोगों से भी मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले व्यक्ति की भगवान शंकर स्वयं ही रक्षा करते है और उसे लाभान्वित करते हैं। पारद शिवलिंग के श्रद्धा पूर्वक दर्शन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जल्दी ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है और उसका सम्पूर्ण जीवन सुख-शांति से भर जाता है।

ऐसे नष्ट होते हैं पाप
पौराणिक मान्यताओं में बताया गया है कि किसी भी प्रकार की भयंकर बीमारी में दवाओं के साथ व्यक्ति को पारद शिवलिंग की भी पूजा करनी चाहिए। जब इस शिवलिंग पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो यह परावर्तित होकर इंद्रधनुषी रंग बिखेरती हैं। मान्यता है कि इन रंगों में विशेष प्रकार की क्षमता होती है जो व्यक्ति के सभी पापों को नष्ट कर सकते हैं। इसको छूने मात्र मात्र से विशेष प्रकार की ऊर्जा का एहसास होता है।
पति-पत्नी के संबंध
पारद शिवलिंग के प्रभाव से पति-पत्नी के बीच संबंधों में मिठास बनी रहती है। धार्मिक आयोजनों में पारद शिवलिंग को रखने से मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। छात्रों को ज्ञान और बुद्धि के साथ याददाश्त में भी इजाफा होता है। अगर आप इसे शुद्ध तांबे के पात्र में गंगाजल भरकर रखते हैं तो आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और साथ ही किसी भी प्रकार के बुरे प्रभाव भी खत्म होते हैं।
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