अमरीका ने ईरान के खतरों से निपटने के लिए इजरायली पीएम से मांगा सहयोग

वॉशिंगटन। कुद्स (इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की ब्रांच) फोर्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी की हवाई हमले में मौत के बाद अमरीका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच अमरीका के विदेश मंत्री माइकल पॉम्पियो ने रविवार को इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से खास बातचीत की। इस दौरान क्षेत्र में ईरान की तरफ से संभावित खतरे का जवाब देने पर चर्चा हुई। इससे पहले इराक की राजधानी बगदाद में अमरीकी दूतावास और बलाद एयर बेस पर शनिवार देर रात ईरान समर्थक मिलिशिया ने कई रॉकेट हमले किए।
ईरान के खतरे का मुकाबला करने पर चर्चा
पॉम्पियो ने ट्वीट करते हुए लिखा कि इजरायली पीएम और मैंने इस क्षेत्र के लिए ईरान के घातक प्रभाव और खतरों का मुकाबला करने के महत्व पर चर्चा की। आतंकवाद को हराने में इजरायल के लगातार समर्थन के लिए वे हमेशा आभारी हैं। इजरायल और अमरीका के बीच का संबंध अटूट है।'
ट्र्ंप के फैसले के समर्थन में उतरे थे नेतन्याहू
अमरीका के हवाई हमले के बाद इजरायली पीएम नेतन्याहू शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन के समर्थन में उतरे थे। बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एयर स्ट्राइक में ईरान की एलीट कुद्स फोर्स (इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की ब्रांच) के चीफ कासिम सुलेमानी की मौत हुई थी। नेतन्याहू ने इस पर कहा कि अमेरिका के पास आत्मरक्षा का अधिकार है।
'कासिम निर्दोष नागरिकों की मौत का जिम्मेदार'
नेतन्याहू ने एक ट्वीट में कहा कि जिस तरह से इजरायल के पास सेल्फ डिफेंस का अधिकार है, ठीक उसी तरह अमरीका के पास भी यही अधिकार है। कासिम सुलेमानी अमरीकी नागरिकों और कई निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है। वह ऐसे कई और हमलों की तैयारी कर रहा था।'
ईरान ने अमरीका को दी बदले की धमकी
अमरीकी विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा कि सुलेमानी को मारने के ट्रंप प्रशासन के फैसले ने कई अमरीकी नागरिकों की जान बचा ली। दूसरी ओर ईरान ने शुक्रवार को जनरल सुलेमानी की हत्या को जघन्य अपराध करार दिया हैै। उसने अमरीका से बदला लेने की धमकी दी है।
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