फुकुशिमा रेडियोएक्टिव वाटर को समुद्र में बहाने का फैसला, समुद्री जीवों पर संकट

टोक्यो। जापान ( Japan ) के एक कदम से समुद्री जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, ऐसी संभावना है कि 2011 के सूनामी में तबाह हुए फुकुशिमा परमाणु संयंत्र ( Fukushima nuclear power plant ) के रेडियोएक्टिव वाटर को समुद्र में बहाया जा सकता है। इस परमाणु संयंत्र के लिए गठित विशेषज्ञाों की समिति ने इसको हरी झंडी दी है।

भयंकर सुनामी में तबाह हो गया था यह संयंत्र

इस समिति ने इस विषय में तीन वर्ष तक अध्ययन किया है। इसके बाद यह फैसला किया है कि इस पानी को समुद्र में बहा दिया जाए। समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। बता दें कि टेप्को संचालित यह संयंत्र भयंकर सुनामी में तबाह हो गया था और तब से ही इसे बंद कर दिया गया है। उद्योग मंत्रालय ने इस संयंत्र में जमा रेडियोएक्टिव एलिमेंट को ठिकाने लगाने के लिए एक समिति गठित की थी।

Video: सूनामी में तबाह हुए फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट में प्रेस टूर

समिति ने दी थी यह सलाह

समिति ने अपनी सलाह में कहा कि इनको समुद्र में बहाने या वाष्पीकरण करने का व्यावहारिक विकल्प दिया है। इस खबर के सामने आने के बाद से स्थानीय समुदाय में खलबली मची हुई है। विशेषज्ञ भी इसको खतरनाक कदम बताते हुए इसे समुद्री जीव और मछुआरों पर खतरा बता रहे हैं। बता दें कि यह रेडियोएक्टिव एलिमेंट अभी तक हजारों टैंकों में जमा कर रखे गए हैं।



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