चंद्रग्रहण 10 जनवरीः इस मंत्र का जप करेगा हर काम पूरे

10 जनवरी दिन शुक्रवार को साल 2020 का पहला चंद्रग्रहण लग रहा है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण काल में स्थुल रूप से देवी-देवता की पूजा नहीं करना चाहिए। जब चंद्र या सूर्य ग्रहण लगा हो उस अवधि में मानसिक रूप से ही भाव पूर्वक मंत्रों का जप करना चाहिए। अगर ग्रहण काल में इन मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जप कम से कम 108 बार या इससे अधिक जितना सुविधा अनुसार हो सके जप करने से जपकर्ता के सारे कार्य पूरे होने लगते हैं। जानें चंद्रग्रहण की अवधि में कौन से मंत्रों का जप करना चाहिए।

1- चंद्रग्रहण काल में इस मंत्र का जप गर्भवती स्त्रियों के लिए विशेष लाभकारी है। यदि गर्भवती महिलाएं स्फटिक या तुलसी की माला से ग्रहण काल की अवधि में इस मंत्र का जप करें तो गर्भ ग्रहण दोष और राहु की छाया से उनके गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ, सुंदर और बौद्धिक गुणों से युक्त होकर जन्म लेता है।
इस मंत्र का करें जप
ऊँ क्लीं देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्णं त्वामहं शरणं गतः क्लीं ऊं।।

2- चंद्रग्रहण काल में किसी मंदिर या अपने घऱ के पूजा स्थल पर पूर्व दिशा की तरफ मुख करके स्फटिक की माला से इस मंत्र का जप 11 माला करने से ग्रहण जनित समस्त दुष्प्रभावों से रक्षा होती है। साथ ही जीवन के सारे संकटों से मुक्ति मिलती है, अविवाहितों को श्रेष्ठ विवाह सुख प्राप्त होता है।
ग्रहण काल में इस मंत्र का जप करें
।। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय ।।

3- चंद्रग्रहण काल में भगवान विष्णु के इस चमत्कारिक मंत्र का जप उत्तर दिशा की ओर मुख करके 11 या 21 माला जप तुलसी की माला से करने से जीवन की समस्त बाधाएं समाप्त होने लगती है।
ग्रहण काल में इस मंत्र का जप करें
।। ऊँ तत् स्वरूपाय स्वाहा ।।

4- चंद्रग्रहण काल में इस सौंदर्य लक्ष्मी मंत्र का जप पूर्व दिशा की ओर मुख करके जप करने से मान-सम्मान, प्रतिष्ठा में वृद्धि होने के साथ धन-संपदा आय के साधनों में भी बढ़ौतरी होने लगती है।
ग्रहण काल में इस मंत्र का जप करें
।। ऊँ श्रीं आं ह्रीं सः।।
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5- चंद्रग्रहण काल में इस शिव गायत्री मंत्र का जप करने से बल, साहस में वृद्धि करने, रोगों का नाश करने और निर्भय बनने का शक्ति मिलती है। इस मंत्र का जप रुद्राक्ष की माला से 11 माला मानसिक जप करना चाहिए।
ग्रहण काल में इस मंत्र का जप करें
।। ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।।
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