अमरीकी वित्त मंत्री ने की RBI गवर्नर से मुलाकात, इकोनॉमी को लेकर की चर्चा
नई दिल्ली। अमरीका के वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन ने देश की वित्तीय राजधानी में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और कारोबार जगत के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने वैश्विक और घरेलू वृहद-आर्थिक परिदृश्य पर चर्चा की। रिजर्व बैंक के वक्तव्य में यह जानकारी दी गई।
म्नुचिन ने ट्वीट कर दी जानकारी
म्नुचिन ने एक ट्वीट में मौद्रिक नीति तथा वित्तीय क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। म्नुचिन ने राष्ट्रीय निवेश एवं बुनियादी संरचना कोष (एनआईआईएफ) के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की। रिजर्व बैंक के बयान के मुताबिक अमरीका के वित्त मंत्री के साथ दोनों देशों में वैश्विक और घरेलू वृहद आर्थिक परिदृश्य तथा नियामकीय घटनाक्रमों को लेकर विचार विमर्श हुआ।
[MORE_ADVERTISE1][MORE_ADVERTISE2]Today, I met with @DasShaktikanta, Governor of the Reserve Bank of India. We discussed issues related to monetary policy and the financial sector. @RBI pic.twitter.com/NErzublfCS
— Steven Mnuchin (@stevenmnuchin1) November 2, 2019
NIIF अधिकारियों के साथ की बैठक
म्नुचिन ने ट्विटर पर बताया कि उन्होंने एनआईआईएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निवेश को बढ़ावा देने में अमेरिका और भारत दोनों के हितों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने इस दौरान मुंबई के ताज होटल पर 2008 में हुये 26/11 आतंकवादी हमले में मारे गये लोगों को श्रद्वाजंलि भी अर्पित की। इस हमले में 166 लोग मारे गये थे।
कई देशों की करेंगे यात्रा
अमरीकी सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि म्नुचिन के साथ भारत में अमरीका के राजदूत केनेथ जस्टर और मुंबई में अमेरिका के महावाणिज्य दूत डेविड जे. रैंज भी मौजूद रहे।समझा जाता है कि म्नुचिन ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिये विभिन्न देशों की यात्रा पर निकले हैं।
बयान में दी जानकारी
बयान में कहा गया कि तीनों ने दास के अलावा रिजर्व बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की।प्रवक्ता ने बताया कि म्नुचिन ने आनंद महिंद्रा, हर्ष गोयनका और आदि गोदरेज से भी मुलाकात की।शनिवार की शाम वे मुंबई से दिल्ली के लिये रवाना हो गये, जहां उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात की।यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछली बार लगे प्रतिबंध के दौरान भारत को ईरान से किये गये तेल आयात का भुगतान करने में काफी परेशानी हुई थी। इसमें तब समाधान के मामले में रिजर्व बैंक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
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