पुरूषों के रोने पर सवाल उठाने वालों को सचिन का जवाब, रोना मर्दों की कमजोरी नहीं

नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज और दुनिया के महान खिलाड़ियों में से एक सचिन तेंदुलकर ने मर्दों के रोने को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की है। इस पोस्ट में सचिन ने बताया है कि पुरूषों का भावुक हो जाना कोई शर्म की बात नहीं है। बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि अक्सर रोने वाले पुरूषों को कमजोर माना जाता है।

पुरूषों का रोना बिल्कुल भी गलत नहीं- सचिन

सचिन तेंदुलकर ने ये पोस्ट इंटरनेशनल मेन्स डे के मौके पर बुधवार को शेयर की। सचिन का मानना है कि अब इस मान्यता को खत्म कर देना चाहिए कि रोने वाले पुरूष कमजोर होते हैं। सचिन ने कहा है कि जब चीजें ठीक न हों तो पुरुषों को मजबूती का दिखावा नहीं करना चाहिए। सचिन ने अपने संदेश में लिखा कि आंसू दिखाने में कोई शर्म नहीं है तो उसे क्यों छुपाना जो सचमुच में आपको मजबूत बनाता है। अपने आंसूओं को क्यों छिपाना। हमें बचपन से ही यही सिखाया जाता है कि पुरुषों को रोना नहीं चाहिए। रोना पुरुषों को कमजोर बनाता है।

 

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संघर्ष और दर्द की वजह से ही आज सफल हूं- सचिन

सचिन ने आगे कहा है कि मैं यही मानकर बड़ा हुआ और यही वजह है कि मैं आज यह लिख रहा हूं कि मुझे एहसास है कि मैं गलत था। मेरे दर्द और मेरे संघर्ष की वजह से ही मैं आज यहां तक पहुंचा हूं। यही मुझे एक बेहतर पुरुष बनाता है।

सचिन ने लिखा कि रोना कहीं से भी कमजोरी की निशानी नहीं है। अपना दर्द दिखाने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है, लेकिन ये बात पक्की है कि आप इससे ज्यादा बेहतर और मजबूत इंसान बनेंगे। पुरुषों को इस बात से आगे बढ़ना चाहिए कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। आप कहीं भी हों या कोई भी हों मैं यही चाहता हूं कि आप ये हौसला दिखाएं।

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