छठ पूजा के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, वरना नाराज हो जाएंगी छठ मइया

छठ का त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है। पूर्वांचल बिहार, झारखंड और उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में छठ का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनया जाता है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और पूजा की जाती है। यह पूजा नहाय खाय के दिन से शुरु होती है और सप्तमी के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही समाप्त हो जाती है।

 

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यह बहुत ही कठिन व्रत माना जाता है, क्योंकि इसमें पवित्रता का बहुत ध्यान रखने की अवश्यकता होती है। इसके साथ-साथ बहुत सी चीज़ों का इसमें ध्यान रखना होता है। आइए जानते हैं इस दिनों क्या करना चाहिए और क्या नहीं...

 

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छठ पूजा में क्या करें

- छठ मइया का प्रसाद बनाते समय स्वच्छता का पूरा-पूरा ध्यान रखें। नहाने के बाद ही प्रसाद बनाएं।

- गुड़ और आंटे का विशेष प्रसाद ठेकुआ जरुर बनायें।

- बिना सूर्य को अर्घ्य दिये छठ पूजा का व्रत पूरा नहीं होता है, इसलिये छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य जरुर दें।

- छठ पूजा में नये व साफ सुथरे वस्त्र ही पहनें।

- छठ पूजा का प्रसाद बनाते समय जल तक ग्रहण करने की मनाही होती है। इसलिये इस दिन जल भी ग्रहण ना करें।
- छठ पूजा के प्रसाद में केला अवश्य चढ़ाएं बिना केले के प्रसाद के पूजा अधूरी मानी जाती है।

 

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छठ पूजा में ना करें ये काम

- छठी मइया का प्रसाद बनाते समय ध्यान रखें की कोई उसे झूठा ना करें और उस पर पैर ना लगे। वरना छठ मइया का प्रकोप झेलना पड़ सकता है।

- छठी मइया से जो भी मनोकामना मांगी है उसे समय पर ही पूरा कर देना चाहिए।

- सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय चांदी, स्टील, प्लास्टिक व शीशे के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

- छठ पूजा में प्याज और लहसुन और मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

- छठ पूजा में बह्मचर्य का पालन करना चाहिए। जहां पर भोग का प्रसाद बन रहा हो वहां पर किसी को भोजन नहीं करना चाहिए।



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