भारत-अमरीका के बीच हुआ सबसे बड़ा सौदा, 71 हजार करोड़ रुपये की तोपें बेचेगा ट्रंप प्रशासन
वाशिंगटन। भारत और अमरीका के बीच एक बेहद अहम सौदा का पहला चरण सफल हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने भारत को 71 हजार करोड़ रुपये की MK 45 तोपें बेचने को मंजूरी दे दी है। अमरीका ने मंगलवार को इस बारे में ऐलान किया है। ये सौदा भारत के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। ये तोपें भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाएंगी।
सैन्य बिक्री की अनुमानित लागत 71 अरब रुपये
रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने अमरीकी संसद में इस प्रस्तावित सौदे की जानकारी दी। इसमें बताया गया कि इसके तहत 13 MK-45 पांच इंच/ 62 कैलिबर (MOD 4) नौसैनिक तोपों और उनसे संबंधित उपकरणों की प्रस्तावित विदेशी सैन्य बिक्री की अनुमानित लागत 71 अरब रुपये है।
मौजूदा और आगामी संकटों से निपटने कारगर
आपको बता दें कि MK 45 तोप युद्धपोत, तटों और लड़ाकू विमानों पर बमबारी करने में काफी अहम भूमिका निभाते हैं। संंसद में जारी किए अपने अधिसूचना में रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने इसकी अन्य खूबियों के बारे में बताया। एजेंसी ने कहा कि BAE सिस्टम्स लैंड एंड आर्मामेंट्स की मदद से तैयार किए गए हैं। इन हथियारों से भारत अपने शत्रुओं से अधिक शक्तिशाली साबित होगा। इसके साथ मौजूदा और आगामी संकटों से निपटने में मदद मिलेगी।
अधिसूचना में जिक्र किए बातों से पता चलता है कि भारत को इस तरह से होगा फायदा-
- MK 45 गन सिस्टम से भारत को अमरीका और अन्य संबद्ध बलों के साथ अंतरक्षमता बढ़ाने की क्षमता मिलेगी।
- इसके साथ ही एंटी-सर्फेस युद्ध और एंटी-एयर रक्षा मिशन का संचालन करने की भी क्षमता मिलेगी।
- भारत इन तोप सिस्टम की मदद से क्षेत्रीय खतरों से निपटने में और अधिक क्षमतावान साबित होगा।
- अपनी जमीन की रक्षा कर पाना भी अब भारत के लिए आसान बनेगा।
- अधिसूचना में इस बात का भी जिक्र है कि प्रस्तावित बिक्री से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं आएगा।
सौदे को कानूनी मंजूरी मिलना अभी बाकी
आपको बता दें कि फिलहाल, ट्रंप प्रशासन ने ही इसके लिए सूचना जारी की है। लेकिन अभी भी सौदा तय होने के लिए इसको कानूनी मंजूरी मिलना भी जरूरी है। भारत से पहले अमरीका ने इन तोपों को ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे ही कुछ देशों को बेचा है।
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