पाकिस्तान: 17 सिंधी छात्रों पर राजद्रोह का मामला दर्ज, देश विरोधी नारेबाजी का लगा है आरोप

कराची। पाकिस्तान में इस वक्त अलग सिंध राष्ट्र बनाने की मांग उठ रही है। इसको लेकर देशभर में प्रदर्शन जारी है। इसी बीच कई छात्रों पर राजद्रोह का मुकदमा लागू किए जाने की खबर सामने आ रही है। सिंध प्रांत के जामशोरो में स्थित सिंध विश्वविद्यालय के 17 विद्यार्थियों पर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी और देश विरोधी दीवार लेखन के आरोप में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।

कई नेताओं पर हाल ही में दर्ज हुआ बगावत का मुकदमा

यह मामला उस वक्त सामने आया है जब दो दिन पहले ही रिपोर्ट आई थीं कि पाकिस्तान विरोधी नारों और भाषणों के आरोप में सिंधी राष्ट्रवादी संगठन जिये सिंध कौमी महाज (बशीर समूह) के चेयरमैन समेत कई अन्य नेताओं पर देश से बगावत करने का मामला दर्ज किया गया है। सिंधी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले छात्रों के खिलाफ देशद्रोह की शिकायत करते हुए विश्वविद्यालय के सुरक्षा प्रमुख इंस्पेक्टर गुलाम कादिर पनहवर ने मामला दर्ज कराया है।

17-18 विद्यार्थियों पर पाकिस्तान विरोधी नारे लगाने आरोप

अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को विश्वविद्यालय के हॉस्टल प्रबंधन ने उन्हें बताया कि 'जिये सिंध' संगठन के लगभग 17-18 विद्यार्थी पाकिस्तान विरोधी नारे लगा रहे हैं। साथ ही उन्होंने सरकार और देश की संस्थाओं के खिलाफ दीवारों पर भी नारे लिखे हैं। इंस्पेक्टर पनहवर ने बताया कि सूचना मिलने पर जब वह ब्वॉयज हॉस्टल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि छात्र जिये सिंध का झंडा उठाए हुए हैं और देश विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं।

'हम तोड़ेंगे पाकिस्तान' के नारे

उन्होंने बताया कि पुलिस को देखकर छात्र हॉस्टल की तरफ चले गए और इस दौरान वे 'सिंधु देश-सिंधु देश, न खापे न खापे पाकिस्तान, हम तोड़ेंगे पाकिस्तान' के नारे लगाते रहे। इंस्पेक्टर ने कहा कि उन्होंने खुद और हॉस्टल के अन्य अधिकारियों ने यह सब अपने सामने होते देखा है।

छात्रों का आरोपों से इनकार

दूसरी तरफ, छात्रों ने इन आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि वे हॉस्टल में पानी की कमी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने जिये सिंध का झंडा लहराने या पाकिस्तान विरोधी नारे लगाने से इनकार किया। छात्रों ने कहा कि उनके सेमेस्टर एग्जाम शुरू होने वाले हैं। ऐसे में उन पर इस तरह के मामले थोपकर विश्वविद्यालय प्रशासन उनका उत्पीड़न कर रहा है और उनके भविष्य से खेल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें अदालत से भी न्याय की उम्मीद नहीं है।

विश्वविद्यालय के कुलपति का बयान

इस मामले पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. फतेह मोहम्मद बुरफात ने मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई हाथ होने से इनकार किया। कुलपति ने कहा कि छात्रों पर मामला दर्ज करने से पहले विश्वविद्यालय से कोई सलाह नहीं ली गई। उन्होंने भी कहा कि छात्रों ने पानी की किल्लत के खिलाफ प्रदर्शन किया था और पाकिस्तान के खिलाफ कोई नारेबाजी नहीं की थी।

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कुलपति ने कहा कि वह पुलिस से इस बारे में बात करेंगे और जांच करेंगे कि कैसे इस तरह की प्राथमिकी उनके छात्रों पर दर्ज कर दी गई। पाकिस्तान में सिंधी राष्ट्रवादी लंबे समय से अपने लिए आजाद 'सिंधु देश' की मांग उठाते आ रहे हैं।

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