पाकिस्तान को एफटीएफ की काली सूची में डालने से रोक सकता है चीन

बीजिंग। पाकिस्तान के समर्थन में आते हुए चीन ने गुरुवार को कहा कि एफएटीएफ का मकसद किसी देश पर प्रतिबंध लगाना नहीं है, न ही उसे दंडित करना है। बीजिंग,पाकिस्तान की घरेलू आतंकवाद रोधी फंडिंग प्रणाली में सुधार में मदद के लिए निगरानी संस्था के पक्षों के साथ मिलकर काम करेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग की टिप्पणी के अनुसार चीनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि बीजिंग,पेरिस के एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डालने का विरोध करेगा। चीन ने अपने विदेश मंत्रालय के नीति योजना के उप महानिदेशक याओ वेन की पाकिस्तानी मीडिया को की गई टिप्पणी को कमतर करने की कोशिश की।
उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया से कहा कि इस्लामाबाद के साथ रिश्तों की तुलना में चीन की भारत के साथ विश्वास की कमी है। प्रवक्ता से वेन की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगी गई कि चीन एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डालने का विरोध करेगा।
प्रवक्ता गेंग के अनुसार धनशोधन रोधी निकाय का लक्ष्य किसी देश पर प्रतिबंध लगाना या उसे दंडित करना नहीं है। वेन ने कहा कि चीन नहीं चाहता है कि कोई एक देश एफएटीएफ पर राजनीतिकरण का रवैया अपनाए।
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा कि कुछ देश हैं जो चाहते हैं कि पाकिस्तान को काली सूची में डाल दिया जाए। यह उनका राजनीतिक उद्देश्य है। चीन इसके खिलाफ खड़ा है। चीन के एफएएफटी द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डालने का विरोध दर्शाता है कि वह आतंकवाद पर पाक को शह देने की कोशिश कर रहा है।
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