इस दिन व्रत करने वालों के घर नहीं रहती पैसों की कमी, आज करें पंचामृत से अभिषेक

भाद्रपद माहीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी ( radha ashtami 2019 ) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन व्रत करने से जातक को पापों से मुक्ति मिलती है। राधाष्टमी के दिन राधा जी का जन्म हुआ था इसलिए यह पर्व बहुत उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन राधा-कृष्ण ( radha krishna ) के भक्तों के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस साल राधाष्टमी 6 सितंबर 2019, शुक्रवार को मनाया जाएगा। राधा जी के कारण ही श्री कृष्ण रासेश्वर कहलाते हैं। राधा के बिना श्रीकृष्ण अधूरे हैं और श्री कृष्ण जी की पूजा राधा के बिना अधूरी होती है।
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श्री राधाष्टमी व्रत का पुण्यफल
शास्त्रों के अनुसार राधाष्टमी का व्रत करना बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है। श्री राधाजी को सर्वतीर्थमयी और ऐश्वर्यमयी हैं। इस व्रत को करने वाले भक्तों के घर हमेशा धन का अंबार लगा रहता है। क्योंकि राधा जी को लक्ष्मीजी का रुप माना जाता है। जो भी व्यक्ति यह व्रत करते हैं उनकिी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन राधाजी से मांगी गई हर इच्छा पूरी होती है। अर्थार्थी को धन की प्राप्ति होती है, मोक्षार्थी को मोक्ष मिलता है। राधाजी की पूजा के बिना श्रीकृष्ण जी की पूजा अधूरी रहती है।

राधाष्टमी व्रत कथा
श्रीकृष्ण भक्ति के अवतार देवर्षि नारद ने एक बार भगवान सदाशिव के श्री चरणों में प्रणाम करके पूछा कि श्री राधा देवी लक्ष्मी, देवपत्नी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अंतरंग विद्या, वैष्णवी प्रकृति, वेदकन्या, मुनिकन्या आदि में से कौन हैं?
इस प्रश्न के उत्तर में भगवान ने कहा कि किसी एक की बात क्या कहें, कोटि-कोटि महालक्ष्मी ( mahalaxmi ) भी उनके चरणकमलों की शोभा के सामने नहीं ठहर सकतीं, इसलिए श्री राधाजी के रूप, गुण और सुन्दरता का वर्णन किसी एक मुख से करने में तीनों लोकों में भी कोई सामर्थ्य नहीं रखता। उनकी रूपमाधुरी जगत को मोहने वाले श्रीकृष्ण को भी मोहित करने वाली है इसी कारण अनंत मुख से भी मैं उनका वर्णन नहीं कर सकता। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन श्री राधाजी के श्री चरणों के दर्शन होते हैं। उनके चरणकमलों की सुंदरता का वर्णन कर पाना भी किसी के लिए संभव नहीं है।
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