Ganesh chaturthi 2019: चमत्कारिक और तुरंत फल देने वाले हैं ये मंत्र, 10 दिन लगातार कर लें इनका जप

गणेश चतुर्थी ( ganesh chaturthi 2019 ) का सनातन धर्म में बहुत अधिक महत्व माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था, इसलिए यह पर्व मनाया जाता है। खास बात तो यह है की यह 10 दिनों तक चलने वाला उत्सव है। जी हां, गणेश चतुर्थी के दिन से अनंत चतुर्दशी के दिन तक मनाया जाता है। इस दस दिनों में भगवान गणेश जी की आराधना पूरे श्रद्धा में डूबकर की जाती है। कुछ लोग भक्ति में लीन भगवान गणेश की पूजा करते हैं, तो कुछ व्रत भी रखते हैं।
प्रथम पूज्य श्री गणेश जी बुद्धि, विवेक प्रदान करते हैं और इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। क्योंकि गणेश जी हर मनुष्य के विघ्न हर लेते हैं। गणेश जी की पूजा करने से रोग, आलस्य व सभी अमंगल का तत्काल नाश हो जाता है। इसलिए यदि आपको भी किसी समस्या का तत्काल निवारण चाहिए तो इन चमत्कारी और तुरंत फल देने वाले मंत्र का जप करें। पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार इस मंत्रों के जप से जातक की समस्याओं का ज्लद ही निवारण हो जाता है। तो आइए जानते हैं वे मंत्र....
गणेश चतुर्थी के दिन इस एक गलती से लग सकता है कलंक, बरतें सावधानी

1. गणपतिजी का बीज मंत्र 'गं' है।
2. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए-
मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' का जप करें
3. आर्थिक प्रगति व समृद्धि के लिए-
इस षडाक्षर मंत्र- 'ॐ वक्रतुंडाय हुम्' का जप करें
गणपति की साधना व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्रदान करती है। इन मंत्रों का जप करते समय मुंह में गुड़, लौंग, इलायची, पताशा, ताम्बुल, सुपारी होना चाहिए। यह साधना अक्षय भंडार प्रदान करने वाली है। साधना सच्चे मन व श्रद्धाभाव से करने पर निश्चित ही परिणाम मिलेंगे। भगवान के प्रति आस्था सच्ची होनी चाहिए।
4. उच्छिष्ट गणपति का मंत्र
- ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
5. आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने के लिए-
इस मंत्र - 'गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:' का जप करें
6. रोजगार प्राप्ति व आर्थिक वृद्धि के लिए
लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप करें- 'ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'
7. विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने के लिए-
इस मंत्र का जप करें - 'ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'
पंडित रमाकांत मिश्रा बताते हैं की इन मंत्रों का जप करने के अलावा आप गणपति अथर्वशीर्ष, संकटनाशन गणेश स्तोत्र, गणेशकवच, संतान गणपति स्तोत्र, ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र, मयूरेश स्तोत्र, गणेश चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। यदि आप इन मंत्रों को लगातार करने में समर्थ्य नहीं हैं तो आप इन्हें कर भी गणेश जी का आशीर्वाद पा सकते हैं।
यदि आप भी बेचते या खरीदते हैं प्रसाद, तो आपको भोगना पड़ सकता है नर्क

शुभ नक्षत्र में होगी इस बार गणेश स्थापना
2 सितंबर को गणेश चतुर्थी, सोमवार के दिन पड़ रही है। इस दिन गणेश स्थापना चित्रा नक्षत्र में की जाएगी। चित्रा नक्षत्र मंगल का नक्षत्र है और इस नक्षत्र में चतुर्थी का संयोग बनना बहुत ही शुभ होता है। यह नक्षत्र सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगा। पंडित जी के अनुसार भगवान गणेश की स्थापना और पूजा का सबसे श्रेष्ठ समय मध्याह्न काल ही माना जाता है। क्योंकि भगवान गणेश जी का जन्म भाद्पद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न काल में अभिजित मुहूर्त यानी सुबह लगभग 11.55 से दोपहर 12.40 तक रहेगा। इस संयोग में गणेश स्थापना की जा सकती है।
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