अमरनाथ यात्रा के दौरान कुछ किस्मत वाले भक्तों को यहां होते हैं शेषनाग के साक्षात दर्शन

इन दिनों पूरे भारत वर्ष से शिवभक्तों के जत्थे बाबा अमरनाथ की यात्रा कर भोलेनाथ के दर्शनों के लिए जा रहे हैं। इसे अमरेश्वर महादेव का स्थान कहा जाता है, इस कठिन यात्रा में पूरे समय श्रद्धालुओं को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन बाबा अमरनाथ के भक्त बड़े उत्साह से इस दुर्गम यात्रा को पूरी कर बाबा के दर्शन करते हैं।

बाबा अमरनाथ की यात्रा के रास्ते में शेषनाग नामक एक झील पड़ती हैं जिसमें आज भी कुछ किस्मत वाले श्रद्धालु भक्तों को साक्षात दर्शन देते हैं भगवान शेषनाग। श्री शेषनाग जी जिनके ऊपर स्वयं जगत के पालन कर्ता भगवान श्री विष्णु विश्राम करते हैं और वे श्री भगवान के प्रिय भक्तों में से एक कहे जाते हैं। इस देव भूमि भारत में एक झील ऐसी भी जहां सौभाग्यशाली मनुष्यों को स्वयं शेषनाग जी साक्षात दर्शन देते हैं।

शेषनाग नामक यह मनोरम झील पहलग्राम से लगभग 32 किलोमीटर और चंदनवाड़ी से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर है, यह झील सर्दी के मौसम में पूरी तरह बर्फ बन जाती है। शेषनाग झील के चारों ओर सात पहाड़ियां एवं कई ग्लेशियर है और यही से लिद्दर नदी निकलती है। नीले पानी के कारण बड़ी खूबसूरत लगने वाली इस झील के दर्शन हर अमरनाथ यात्री करतें हैं। 3658 मीटर की ऊंचाई पर होने के कारण इस झील का नाम शेषनाग के नाम पर रखा गया है।

एक प्राचीन कथा के अनुसार एक बार भगवान श्री शिवजी, माता पार्वती को अमरकथा सुनाने अमरनाथ गुफा ले जा रहे थे, तब उन्होंने असंख्य नागों को अनंतनाग में, नंदी को पहलगाम में, चंद्रमा को चंदनवाड़ी में और श्री शेषनाग जी को सात पहाड़ो से घिरी इसी झील में छोड़ा था। कहा जाता है कि तब से लेकर आज तक 24 घंटे में एक बार श्री शेषनाग जी इस झील के बाहर आकर साक्षात दर्शन देते हैं, लेकिन उनके दर्शन केवल किस्मत सौभाग्यशाली लोगों की हो पाते हैं।
***********

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...
Post a Comment